मोहन भागवत समाचार: लालच या डर से धर्म न बदलें…; मोहन भागवत के बयान से हलचल मच गई

गुजरात: ‘धर्म सभी को खुशी की ओर ले जा सकता है, हमें लालच या डर से धर्म नहीं बदलना चाहिए।’ दैनिक जीवन में लालच और प्रलोभन का सामना करना पड़ सकता है और ये चीजें लोगों को उनके धर्म से दूर ले जा सकती हैं, लेकिन केवल धर्म ही सभी को खुशी की ओर ले जा सकता है।’ इन शब्दों में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने अपना पक्ष रखा है। लेकिन उनके बयान से पूरे देश में चर्चा छिड़ गई है।

पिछले कुछ महीनों से देश भर में तनाव का माहौल है। महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल में सांप्रदायिक दंगों के कारण माहौल काफी तनावपूर्ण हो गया है। इसी प्रकार, मोहन भागवत के बयान से मिश्रित चर्चाएं छिड़ गई हैं। मोहन भागवत शनिवार को वलसाड जिले में श्री भाव भावेश्वर महादेव मंदिर के रजत जयंती समारोह में शामिल हुए। यहां उन्होंने देश में चल रहे धर्मांतरण के मुद्दे पर चर्चा की।

 

मोहन भागवत ने कहा कि लोगों को किसी भी परिस्थिति में लालच या भय के प्रभाव में आकर अपना धर्म नहीं बदलना चाहिए। हम जानते हैं कि कैसे संगठित होना है और हम संगठित बने रहना चाहते हैं। हमें लड़ना नहीं है, बल्कि अपनी रक्षा करनी है, क्योंकि आज भी ऐसी ताकतें हैं जो हमें बदलना (धर्मांतरित करना) चाहती हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी शक्ति के अभाव में भी हमारे दैनिक जीवन में लालच और प्रलोभन की घटनाएं घटित होती रहती हैं।

स्वार्थ और लालच में न फंसें – मोहन भागवत

भागवत ने कहा, ‘महाभारत के दौरान ऐसा कोई नहीं था जिसने धर्म परिवर्तन किया हो, लेकिन पांडवों का राज्य हड़पने के लालच में दुर्योधन ने जो किया वह अन्यायपूर्ण था। धार्मिक अनुष्ठान नियमित रूप से किये जाने चाहिए। हमें आसक्ति और प्रलोभन के प्रभाव में आकर कार्य नहीं करना चाहिए, अथवा स्वार्थ में नहीं फंसना चाहिए। लालच या भय हमें अपने विश्वास से दूर न ले जाए। इसीलिए यहां ऐसे केंद्र स्थापित किए गए हैं।’

 

भागवत सद्गुरुधाम का जिक्र कर रहे थे, जो आदिवासियों के उत्थान के लिए दूरदराज के आदिवासी इलाकों में सामाजिक गतिविधियां चलाता है। उन्होंने कहा कि जब इस क्षेत्र में ऐसे केंद्र काम नहीं कर रहे थे, तो तपस्वी गांव-गांव जाकर लोगों को धार्मिक उपदेश देते थे और उन्हें धर्म के मार्ग पर अडिग रखते थे। उन्होंने कहा कि बाद में जब आबादी बढ़ी तो ये केंद्र स्थापित किए गए जहां लोग आते हैं और धर्म का लाभ उठाते हैं।