ग्रेटर नोएडा के जेवर इलाके के थोरा गांव में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां 40 वर्षीय महिला की रेबीज संक्रमण से मौत हो गई। यह संक्रमण सीधे जानवर के काटने से नहीं, बल्कि संक्रमित गाय का कच्चा दूध पीने से हुआ। यह मामला रेबीज संक्रमण के असामान्य तरीकों की ओर भी इशारा करता है, जिसके लिए अधिक सावधानी की जरूरत है। आइए यहां जानें…
TOI की रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ महीने पहले गांव में एक पालतू गाय को पागल कुत्ते ने काट लिया था, जिससे गाय को रेबीज हो गया था। करीब दो महीने पहले इस संक्रमित गाय ने बछड़े को जन्म दिया। गाय का पहला दूध (खीस) पारंपरिक रूप से मोहल्ले में बांटा गया। गाय की तबीयत खराब होने पर पशु चिकित्सक ने जांच कराई, जिसमें रेबीज की पुष्टि हुई। इसके बाद डॉक्टर ने सलाह दी कि इस गाय का दूध पीने वाले सभी लोगों को तुरंत रेबीज का टीका लगवा लेना चाहिए।
इस तरह हुई गाय की मौत
गाय के मालिक और उसके परिवार के कुछ सदस्यों ने तो टीका लगवा लिया, लेकिन पड़ोस में रहने वाली सीमा नाम की महिला ने टीका नहीं लगवाया। कुछ दिन बाद सीमा की तबीयत बिगड़ने लगी। उसे स्थानीय अस्पताल ले जाया गया, जहां से उसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल रेफर कर दिया गया। वहां रेबीज संक्रमण की पुष्टि हुई, लेकिन इलाज के बावजूद उसे बचाया नहीं जा सका।
रेबीज़ संचरण के असामान्य तरीके
रेबीज आमतौर पर संक्रमित जानवर के काटने से फैलता है, लेकिन इस मामले में संक्रमण का स्रोत संक्रमित गाय का कच्चा दूध था। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के अनुसार, रेबीज से संक्रमित जानवरों का कच्चा दूध पीने से संक्रमण का खतरा रहता है। इसलिए, संक्रमित जानवर के दूध को उबालकर ही पीना चाहिए।