
मध्य प्रदेश में रेलवे आधारभूत संरचना को सशक्त करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया है। इंदौर-मनमाड़ नई रेलवे लाइन परियोजना, जो वर्षों से लंबित थी, अब जमीन पर आकार लेने लगी है। यह परियोजना न केवल राज्य में यातायात सुविधाओं को बेहतर बनाएगी, बल्कि आर्थिक विकास, रोजगार और ग्रामीण क्षेत्रों से सीधा संपर्क स्थापित कर प्रदेश की तस्वीर बदलने वाली है।
परियोजना की मुख्य विशेषताएं
- इंदौर से मनमाड़ तक की दूरी अब 830 किलोमीटर से घटकर 568 किलोमीटर रह जाएगी।
- इस रेल मार्ग पर कुल 34 स्टेशन होंगे, जिनमें से 30 नए स्टेशन बनाए जाएंगे और 4 पहले से मौजूद रहेंगे।
- परियोजना के तहत मध्य प्रदेश के तीन जिलों – धार, खरगोन और बड़वानी के लगभग 77 गांवों की भूमि का अधिग्रहण किया जा रहा है।
- महू तहसील के 18 गांवों की जमीन अधिग्रहण के लिए चिन्हित की जा चुकी है।
1,000 गांवों और 30 लाख लोगों को मिलेगा सीधा रेल संपर्क
इस परियोजना का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि लगभग 1,000 गांवों और 30 लाख लोगों को सीधे रेल नेटवर्क से जोड़ा जाएगा।
- यह रेलवे लाइन आदिवासी क्षेत्रों से होकर गुजरेगी, जहां अब तक रेल संपर्क नहीं था।
- परियोजना पूरी होने पर 16 जोड़ी पैसेंजर ट्रेनों का संचालन होगा।
- शुरुआती अनुमान के अनुसार, हर साल 50 लाख यात्री इस रूट पर यात्रा करेंगे।
- रेलवे को इससे 900 करोड़ रुपये से अधिक का वार्षिक राजस्व प्राप्त होने की संभावना है।
भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया तेज
रेल मंत्रालय ने जनवरी 2024 में गजट अधिसूचना जारी कर जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दी थी।
- महू तहसील के खेड़ी, चैनपुरा, कमदपुर, खुदालपुरा, कुराड़ाखेड़ी, अहिल्यापुर, नांदेड़, जामली, केलोद, बेरछा, गवली पलासिया, आशापुरा, मलेंडी, कोदरिया, बोरखेड़ी, चौरड़िया, न्यू गुराडिया और महू केंटोनमेंट क्षेत्र में रेलवे प्रोजेक्ट के लिए भूमि अधिग्रहण की सूचना दी गई है।
- इसके साथ ही महाराष्ट्र के धुले और शिंदखेड़ा क्षेत्रों में भी भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया जारी है।
- इस कार्य के लिए रेल मंत्रालय ने एक विशेष अधिकारी की नियुक्ति की है।
प्रस्तावित रेलवे स्टेशन और रूट
इस परियोजना के अंतर्गत रेल लाइन महू से शुरू होकर धरमपुरी, ठीकरी, राजपुर, सेंधवा, सिरपुर, शिखंडी, धुले, मालेगांव और अंत में मनमाड़ तक जाएगी।
मध्य प्रदेश में जो प्रमुख नए स्टेशन बनेंगे, उनमें शामिल हैं:
- कैलोद, कमदपुर, झाड़ी बरोदा, सराय तालाब, नीमगढ़, चिक्त्या बड़, ग्यासपुरखेड़ी, कोठड़ा, जरवाह, अजंदी, बघाड़ी, कुसमारी, जुलवानिया, सली कलां, वनिहार, बवादड़ और मालवा स्टेशन।
आर्थिक और सामाजिक प्रभाव
इस परियोजना से:
- ग्रामीण इलाकों में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।
- विकास की पहुंच पिछड़े और आदिवासी इलाकों तक पहुंचेगी।
- कृषि उत्पादों और औद्योगिक सामानों की आवाजाही तेज होगी।
- राज्य में पर्यटन, व्यापार और निवेश को बढ़ावा मिलेगा।
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