म्यांमार में आए भूकंप में अब तक कुल एक हजार लोग मारे गए हैं। ऐसे में भारत अपने पड़ोसी देश की मदद के लिए पूरी तरह तैयार है। भारत से 15 टन राहत सामग्री यांगून पहुंच गई है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि ऑपरेशन ब्रह्मा शुरू हो गया है। भारत से मानवीय सहायता की पहली खेप म्यांमार के यांगून हवाई अड्डे पर पहुंच गई है।
विदेश मंत्री ने कहा कि आईएएफ_एमसीसी-130 कंबल, तिरपाल, स्वच्छता किट, स्लीपिंग बैग, सौर लैंप, भोजन के पैकेट और रसोई सेट भेजे गए हैं। इसके माध्यम से चिकित्सा सुविधाएं भी भेजी गई हैं। यहां एनडीआरएफ की 8वीं बटालियन और भारतीय वायुसेना म्यांमार में भूकंप से प्रभावित लोगों की मदद के लिए इस बचाव अभियान का हिस्सा बन गई है।
म्यांमार भेजी गई 15 टन राहत सामग्री हिंडन एयर बेस से भारतीय वायु सेना के विमान द्वारा भेजी गई। राहत सामग्री में वहां के लोगों के लिए भोजन, चिकित्सा सहायता, आश्रय और अन्य आवश्यक वस्तुएं शामिल हैं। उनकी मदद से म्यांमार में हाल ही में आए भूकंप से प्रभावित लोगों की मदद की जाएगी। भारत का यह मिशन संकट के समय पड़ोसी देशों को समय पर सहायता प्रदान करने में भारत की सक्रिय भूमिका को दर्शाता है।
राहत सामग्री यांगून के मुख्यमंत्री यू सोई थीन को सौंपी गई
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि राहत सामग्री म्यांमार को सौंप दी गई है। आज, राहत सामग्री की पहली खेप यांगून में राजदूत अभय ठाकुर द्वारा यांगून के मुख्यमंत्री यू सोई थीन को औपचारिक रूप से सौंपी गई।