केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को राज्यसभा में कहा कि भारत ने साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है और अब दुनिया के शीर्ष 10 साइबर सुरक्षित देशों में शामिल हो गया है।
साइबर सुरक्षा में भारत की बढ़ती रैंकिंग
प्रश्नकाल के दौरान वैष्णव ने बताया कि “पहले भारत की साइबर सुरक्षा रैंकिंग 30 से 40 के बीच रहती थी, लेकिन हाल के वर्षों में एक मजबूत साइबर सुरक्षा तंत्र विकसित किया गया है, जिससे भारत अब शीर्ष 10 देशों में शामिल हो गया है।” उन्होंने यह भी बताया कि इस मजबूत तंत्र की मदद से जी-20 शिखर सम्मेलन और अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के दौरान बड़े साइबर हमलों को रोका गया था।
साइबर अपराधों से निपटने के लिए उठाए गए कदम
मंत्री ने बताया कि कानूनी और तकनीकी दोनों मोर्चों पर सरकार साइबर सुरक्षा को सुदृढ़ करने के लिए सक्रिय है।
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डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम को पारित कर डेटा सुरक्षा को मजबूत किया गया।
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आईटी कानूनों को संशोधित कर साइबर अपराधों पर सख्त प्रावधान जोड़े गए।
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भारतीय न्याय संहिता (BNS) में साइबर अपराधियों के लिए कठोर दंड के प्रावधान किए गए।
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गृह मंत्रालय ने भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) स्थापित किया, जिससे समन्वित कार्रवाई के अच्छे परिणाम मिल रहे हैं।
साइबर हमलों के आंकड़े
वैष्णव ने बताया कि भारत में साइबर हमलों की संख्या लगातार बढ़ रही है
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2022 में: 13,91,457 घटनाएं
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2023 में: 15,92,917 घटनाएं
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2024 में: 20,41,360 घटनाएं
उन्होंने कहा कि इस बढ़ती चुनौती से निपटने के लिए सरकार सक्रिय रूप से साइबर सुरक्षा को मजबूत कर रही है।
फलों के निर्यात में 47% की वृद्धि
वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने बताया कि भारत से फलों के निर्यात में 47% की बढ़ोतरी हुई है। सरकार फलों के रखरखाव, गुणवत्ता सुधार और कीट-नियंत्रण के लिए आधुनिक तकनीक अपना रही है।
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केला, संतरा, लीची, अनार जैसे फलों का निर्यात बढ़ा
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पैकेजिंग प्रक्रिया को अत्याधुनिक बनाया जा रहा
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अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप फलों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने पर जोर
सरकार साइबर सुरक्षा के साथ ही आर्थिक क्षेत्र में भी भारत की वैश्विक प्रतिस्पर्धा बढ़ाने पर ध्यान दे रही है।