
मार्च महीना खत्म हो चुका है और अप्रैल की शुरुआत के साथ ही कंपनियों में वेतन बढ़ोतरी का दौर शुरू हो जाएगा। एक रिपोर्ट के अनुसार, ई-कॉमर्स क्षेत्र में 2025 में कर्मचारियों के वेतन में सबसे अधिक वृद्धि होने की संभावना है, जो 10 प्रतिशत से अधिक होगी। इस वृद्धि का मुख्य कारण डिजिटल वाणिज्य का तेजी से विस्तार, उपभोक्ता खर्च में वृद्धि और प्रौद्योगिकी की बढ़ती भूमिका है। ई-कॉमर्स क्षेत्र में कर्मचारियों की मजबूत मांग को देखते हुए, इस क्षेत्र में कंपनियों को सबसे अधिक वेतन वृद्धि देखने को मिलेगी।
रिपोर्ट के अनुसार, 2025 में भारत में औसत वेतन वृद्धि 9.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो 2024 के 9.6 प्रतिशत से थोड़ा कम है। यह वेतन वृद्धि में मामूली मंदी का संकेत देता है।
अन्य क्षेत्रों में भी अच्छी वृद्धि
ई-कॉमर्स के अलावा, ऑटोमोटिव, फार्मास्यूटिकल्स, विनिर्माण और वित्तीय सेवाओं जैसे अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में भी अच्छी वेतन वृद्धि देखने को मिलेगी। ये क्षेत्र अपने कर्मचारियों में निवेश करना जारी रखेंगे, जिससे वैश्विक बाजार में भारत की स्थिति मजबूत होगी। वेतन वृद्धि में मामूली गिरावट के बावजूद, कंपनियां प्रतिभा को बनाए रखने और प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कंपनियां अब शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य सहित कल्याण कार्यक्रमों को प्राथमिकता दे रही हैं। कर्मचारियों की बदलती अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए लचीले और समावेशी लाभों का भी विस्तार किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य कार्य वातावरण में सुधार लाना और कर्मचारी संतुष्टि बढ़ाना है।
कुशल पेशेवरों की भारी कमी
आज कम्पनियों के सामने सबसे बड़ी चुनौती कुशल पेशेवरों की कमी है। रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में 18.3 प्रतिशत से 2024 में 17.5 प्रतिशत तक गिरावट के बावजूद, 80 प्रतिशत कंपनियां अभी भी कुशल कर्मचारियों को खोजने के लिए संघर्ष कर रही हैं। यह समस्या विशेष रूप से आईटी और ऊर्जा जैसे उच्च मांग वाले उद्योगों में प्रचलित है। इस समस्या से निपटने के लिए कंपनियां कर्मचारियों के कौशल उन्नयन और पुनर्कौशल पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं। कौशल अंतर को पाटने और दीर्घकालिक रोजगार सुनिश्चित करने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आवश्यक होते जा रहे हैं। कम्पनियां कर्मचारियों को आकर्षित करने और बनाये रखने के लिए विभिन्न रणनीतियां भी क्रियान्वित कर रही हैं।