मुंबई: अमेरिका और चीन के बीच टैरिफ युद्ध के चरम पर पहुंचने की संभावना के बीच भारतीय अधिकारियों ने देश में आयात पर, विशेष रूप से चीन से होने वाले आयात पर कड़ी निगरानी शुरू कर दी है।
अमेरिका द्वारा चीनी वस्तुओं पर भारी पारस्परिक टैरिफ लगाए जाने से अमेरिका में चीनी वस्तुओं की कीमतें बढ़ जाएंगी, और यदि उच्च कीमतों पर उनकी खपत नहीं होती है, तो इस बात की संभावना बढ़ जाएगी कि चीन अन्य देशों में अपनी वस्तुएं डंप कर देगा।
सरकारी सूत्रों ने बताया कि देश के वाणिज्य मंत्रालय द्वारा पिछले दो दिनों में कई बैठकें की गई हैं। इस संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता कि चीन अपनी अतिरिक्त आपूर्ति से निपटने के लिए भारतीय खरीददारों को सस्ते दामों पर सामान उपलब्ध करा सकता है। अमेरिका के पारस्परिक शुल्कों का सबसे बड़ा झटका चीन और वियतनाम पर पड़ सकता है।
भारत वर्तमान में कई चीनी वस्तुओं पर एंटी-डंपिंग जांच कर रहा है। जिन वस्तुओं की डंपिंग की जांच चल रही है, उनमें रसायन, ग्लास फाइबर, कोक, क्रेन आदि शामिल हैं। चीन ने अमेरिका के साथ अपने व्यापार को कम करते हुए पहले ही भारत को अधिक वस्तुएं बेचना शुरू कर दिया है। हालांकि, सूत्रों ने यह भी कहा कि भारत ने यह सुनिश्चित करने के लिए अपने तंत्र को कायम रखा है कि देश के उद्योगों को नुकसान न पहुंचे।
पिछले वित्त वर्ष की अप्रैल-फरवरी अवधि के दौरान भारत ने चीन से 103.70 अरब डॉलर का आयात किया था। वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, यह पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 10.40 प्रतिशत अधिक है, जबकि इस दौरान चीन को भारत का निर्यात 15.70 प्रतिशत घटकर 12.70 अरब डॉलर रह गया।