
एक ओर जहां चीन अमेरिका के साथ व्यापार युद्ध की स्थिति का सामना कर रहा है, वहीं दूसरी ओर उसने भारत के साथ संबंधों में स्पष्ट नरमी दिखाई है। चीन ने केवल तीन महीनों में 85,000 से अधिक भारतीय नागरिकों को वीजा जारी किए हैं, जिससे संकेत मिलता है कि वह भारत के साथ बेहतर संबंधों की दिशा में गंभीर प्रयास कर रहा है। यह घटनाक्रम पाकिस्तान को खटक रहा है।
पाकिस्तान में चिंता, विशेषज्ञ की प्रतिक्रिया
पाकिस्तानी विश्लेषक कमर चीमा ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उनका कहना है कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग की सोच अब पहले जैसी नहीं रही। 2020 की तुलना में अब उन्हें भारत के विशाल बाजार का महत्व समझ में आ गया है। चीमा के अनुसार, अमेरिका के साथ टैरिफ युद्ध से चीन की अर्थव्यवस्था पर दबाव बढ़ा है, इसलिए जिनपिंग अब भारत के साथ रिश्ते सुधारने की दिशा में सक्रिय हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जब उन्हें आभास हुआ कि ट्रंप सरकार चीन के खिलाफ सख्त कदम उठा सकती है, तभी से उन्होंने ब्रिक्स जैसे मंचों पर भारत के साथ समीपता बढ़ाने की शुरुआत कर दी थी।
85,000 से अधिक वीजा जारी
लाइव मिंट की रिपोर्ट के अनुसार, 9 अप्रैल 2025 तक भारत में स्थित चीनी दूतावास और वाणिज्य दूतावासों ने कुल 85,000 से ज्यादा वीजा जारी किए हैं। यह कदम भारतीयों के लिए चीन की यात्रा को सुगम और सुविधाजनक बनाने के प्रयासों का हिस्सा है।
भारत को बताया ‘दोस्त’
भारत में चीन के राजदूत जू फीहोंग ने भारतीयों को ‘दोस्त’ बताया और अधिक से अधिक भारतीयों से चीन आने की अपील की। उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, “हम भारतीय दोस्तों का स्वागत करते हैं कि वे चीन आएं और एक खुले, सुरक्षित, जीवंत और दोस्ताना चीन का अनुभव करें।” उन्होंने मार्च में भी बताया था कि वसंत के मौसम में 50,000 से ज्यादा भारतीयों को वीजा जारी किए गए थे।
वीजा प्रक्रिया में बदलाव
पिछले कुछ महीनों में चीन ने भारतीय यात्रियों के लिए वीजा प्रक्रिया को सरल बनाया है। अब ऑनलाइन अपॉइंटमेंट की आवश्यकता नहीं है, वीजा शुल्क में कटौती की गई है और पूरी प्रक्रिया को तेज किया गया है। इन सभी कदमों का उद्देश्य भारत-चीन के बीच लोगों की आवाजाही को बढ़ाना है।
भारत-चीन के बीच यात्रा और व्यापार में सुधार
जनवरी 2025 में भारत और चीन के बीच बातचीत के बाद यह सहमति बनी थी कि लगभग पांच साल बाद फिर से सीधी उड़ानें शुरू की जाएंगी। भारत के वरिष्ठ राजनयिक विक्रम मिस्री और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच हुई बैठक में व्यापार, यात्रा और सीमा विवाद जैसे मुद्दों पर सहमति बनी थी। 2020 में गलवान घाटी में झड़प के बाद दोनों देशों के संबंधों में तनाव आ गया था, लेकिन अक्टूबर 2024 में सीमा पर सैन्य गतिरोध को कम करने के समझौते और शी जिनपिंग व नरेंद्र मोदी की रूस में हुई मुलाकात के बाद दोनों देशों के रिश्तों में सुधार की दिशा दिखाई देने लगी है।
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