भारतीय शेयर बाजार में बड़ी गिरावट, ट्रंप के टैरिफ ऐलान और वैश्विक कमजोर संकेत बने कारण

भारतीय शेयर बाजार में बड़ी गिरावट, ट्रंप के टैरिफ ऐलान और वैश्विक कमजोर संकेत बने कारण
भारतीय शेयर बाजार में बड़ी गिरावट, ट्रंप के टैरिफ ऐलान और वैश्विक कमजोर संकेत बने कारण

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा 60 देशों से आयात पर जवाबी टैरिफ लगाने की घोषणा के एक दिन बाद, शुक्रवार 4 अप्रैल को भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट दर्ज की गई। जहां गुरुवार को बाजार में मजबूती देखी गई थी, वहीं शुक्रवार को बाजार की शुरुआत से ही नकारात्मक रुख बना रहा।

सेंसेक्स 800 अंक से ज्यादा टूट गया और निफ्टी 50 22,950 के नीचे चला गया।

  • सेंसेक्स 76,295.36 के पिछले बंद के मुकाबले 76,160.09 पर खुला और 850 अंक गिरकर 75,435.75 तक आ गया।

  • निफ्टी 50 में 1 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट आई और यह 22,921.60 पर पहुंच गया।

मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में बड़ी गिरावट

बाजार में हर सेक्टर में बिकवाली देखी गई।

  • BSE मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स में 3-3 प्रतिशत तक की गिरावट आई।

  • दोपहर करीब 12 बजे सेंसेक्स 750 अंक टूटकर 75,551 पर और निफ्टी 290 अंक गिरकर 22,959 पर कारोबार करता देखा गया।

  • इस गिरावट के चलते निवेशकों को एक ही दिन में लगभग 8 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।

टैरिफ को लेकर ट्रंप की चेतावनी

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ट्रंप ने अब भारतीय दवाओं पर भी टैरिफ लगाने की योजना बना ली है।

  • 2 अप्रैल को ट्रंप ने भारत की दवाओं को टैरिफ से बाहर रखा था।

  • लेकिन अब उन्होंने कहा है कि जल्द ही दवाओं पर भी इतिहास में पहले कभी न देखे गए स्तर के टैरिफ लगाए जाएंगे।

  • इस बयान के बाद निवेशकों की चिंता और बढ़ गई है।

वैश्विक संकेत कमजोर, एशिया और अमेरिका के बाजारों में गिरावट

  • ट्रंप की टैरिफ नीति ने वैश्विक आर्थिक मंदी की आशंका को और गहरा कर दिया है।

  • अमेरिका में NASDAQ में 5.97 प्रतिशत और S&P 500 में 5 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।

  • एशिया में जापान का निक्केई 3 प्रतिशत और दक्षिण कोरिया का कोस्पी 2 प्रतिशत गिरा।

  • गुरुवार को भारतीय बाजारों ने अन्य देशों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया था, लेकिन शुक्रवार को बिकवाली का दबाव साफ नजर आया।

टैरिफ के असर को लेकर बढ़ रही चिंता

हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप की टैरिफ नीति का सीधा असर भारत की अर्थव्यवस्था पर बहुत ज्यादा नहीं पड़ेगा, लेकिन इसके अप्रत्यक्ष प्रभावों को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है।

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इनवेस्टमेंट स्ट्रैटजिस्ट वीके विजयकुमार के अनुसार: “बाजार भारी अनिश्चितता से गुजर रहा है। ट्रंप ने एक नई ट्रेड वॉर शुरू कर दी है। अगर अन्य देश जैसे चीन और यूरोपीय संघ भी जवाबी टैरिफ लगाते हैं, तो बाजार में और ज्यादा बिकवाली देखी जा सकती है।”

कंपनियों के तिमाही नतीजों पर नजर

ट्रंप की नीति से पैदा हुई अनिश्चितता के बीच निवेशक अब भारतीय कंपनियों के तिमाही नतीजों पर नजर बनाए हुए हैं।

  • टीसीएस (TCS) 10 अप्रैल को अपने दिसंबर तिमाही के परिणाम घोषित करेगी।

  • निवेशकों की नजर इस बात पर होगी कि कंपनी का प्रबंधन इन हालातों को लेकर क्या कहता है।

  • पिछली तीन तिमाहियों में अधिकांश कंपनियों के नतीजे उम्मीद से कमजोर रहे हैं।

  • अगर चौथी तिमाही के नतीजे भी बेहतर नहीं रहे, तो बाजार में और गिरावट संभव है।

महंगाई और फेडरल रिजर्व की चुनौती

विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप की टैरिफ नीति से अमेरिका में महंगाई बढ़ सकती है, जिससे फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में कटौती नहीं कर पाएगा।

मॉर्गन स्टेनली के अनुसार:

  • उन्होंने जून में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती की उम्मीद जताई थी, लेकिन अब इसमें संशोधन किया है।

  • अगर फेड ब्याज दर नहीं घटाता, तो इसका प्रभाव भारतीय बाजारों पर भी देखा जा सकता है, खासकर लिक्विडिटी और निवेश की दिशा में।


एयरलाइंस और रिटेल कंपनियों के शेयर गिरे

  • बेस्ट बाय के शेयर 15.2% गिरे

  • यूनाइटेड एयरलाइंस को 12.3% का नुकसान

  • टारगेट के शेयर 10.3% गिर गए

टैरिफ के कारण उपभोक्ता खर्च पर असर पड़ने की आशंका के चलते इन सेक्टरों में भारी बिकवाली देखी गई।

ट्रंप की टैरिफ नीति से वैश्विक बाजारों में हलचल, भारत सहित कई देशों में असर