भारतीय जनता पार्टी के नए अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर चर्चाएं तेज

भारतीय जनता पार्टी के नए अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर चर्चाएं तेज
भारतीय जनता पार्टी के नए अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर चर्चाएं तेज

भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर चर्चाएं लगातार बढ़ रही हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि इस महीने के अंत तक पार्टी को नया अध्यक्ष मिल सकता है। सूत्रों के अनुसार, पार्टी जल्द ही एक निर्णायक कदम उठा सकती है और 4 अप्रैल को संसद सत्र समाप्त होने के बाद पार्टी अपने नए अध्यक्ष का ऐलान कर सकती है।

जेपी नड्डा के घर हुई बैठक

इससे पहले, भाजपा के वर्तमान अध्यक्ष जेपी नड्डा के घर पर मंगलवार रात को कई प्रमुख नेताओं की बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में गृह मंत्री अमित शाह और पीयूष गोयल जैसे दिग्गज नेता मौजूद थे। इस बैठक से यह साफ होता है कि पार्टी में नए अध्यक्ष के चयन को लेकर गतिविधियां तेज हो चुकी हैं।

भा.ज.पा. के संविधान के मुताबिक अध्यक्ष का चुनाव

भा.ज.पा. के संविधान के अनुसार, राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव से पहले कम से कम आधे राज्यों में संगठनात्मक चुनाव पूरे होने चाहिए। पार्टी ने 13 राज्यों में संगठनात्मक चुनाव कर लिए हैं और वहां के नए प्रदेश अध्यक्षों का भी ऐलान कर दिया है। अब, बाकी 19 राज्यों के प्रदेश अध्यक्षों के नाम तय होने के बाद पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया को आगे बढ़ाएगी। इस नियम का पालन करते हुए पार्टी पहले राज्य इकाइयों में नेतृत्व तय कर रही है, और जल्द ही नए राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव किया जाएगा।

जेपी नड्डा का कार्यकाल और उनकी स्थिति

जेपी नड्डा, जो 2019 से इस पद पर काबिज हैं, अब सरकार में शामिल हो चुके हैं। उनका कार्यकाल तीन साल का था, लेकिन इसे विभिन्न कारणों से बढ़ाया गया। 2020 में उन्हें सर्वसम्मति से पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया था और उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह की जगह ली थी। 2024 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए उनका कार्यकाल जून 2024 तक बढ़ाया गया था। अब जब वे सरकार में शामिल हो गए हैं, पार्टी को उनके उत्तराधिकारी की तलाश है।

नई चुनौतियां और भाजपा की रणनीति

पार्टी के लिए नया अध्यक्ष चुनना आसान नहीं होगा। भाजपा को अपने नए अध्यक्ष के चयन में जातीय संतुलन, उत्तर-दक्षिण भाषा विवाद और परिसीमन जैसे मुद्दों का ध्यान रखना होगा। उत्तर प्रदेश में पार्टी को अपनी स्थिति मजबूत करने का दबाव है, क्योंकि हालिया लोकसभा चुनाव में वहां से पार्टी को बहुमत नहीं मिला था। इस वजह से यह भी कहा जा रहा है कि नया अध्यक्ष उत्तर प्रदेश से हो सकता है। इसके अलावा, नए अध्यक्ष को पार्टी की विचारधारा के अनुरूप और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के मार्गदर्शन में काम करने वाला होना चाहिए, साथ ही उसे संगठनात्मक मूल्यों का पालन करने में भी सक्षम होना चाहिए।

नए नेतृत्व की दिशा

भा.ज.पा. का अगला अध्यक्ष पार्टी की आगे की रणनीति और उसकी सफलता के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यह चुनाव पार्टी के भविष्य को तय करने में अहम साबित हो सकता है, और इसलिए पार्टी इस निर्णय को लेकर सभी पहलुओं पर विचार कर रही है।

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