अमेरिका ने चीन से आयात पर 125% टैरिफ लगा दिया है, जिसके परिणामस्वरूप अमेरिकी ग्राहकों द्वारा चीनी कंपनियों को दिए जाने वाले नए ऑर्डरों में भारी गिरावट आई है।
अमेरिका में मांग में गिरावट के कारण, इलेक्ट्रॉनिक्स और उनके पुर्जे बनाने वाली चीनी कंपनियों के लिए अपने उत्पादित माल को कहां बेचना है, यह एक बड़ी समस्या बन गई है। ऐसे में अब चीनी कंपनी अपने पहले करीबी पड़ोसी के तौर पर भारत पर नजर गड़ाए हुए है और इलेक्ट्रॉनिक्स पार्ट्स के भारतीय आयातकों को मौजूदा कीमत पर 5 प्रतिशत तक की छूट की पेशकश कर रही है। इलेक्ट्रॉनिक्स पार्ट्स में इस तरह की छूट बहुत बड़ी मानी जाती है क्योंकि ऐसे उपकरणों के व्यापार में मार्जिन प्रतिशत बहुत कम यानि केवल 4 से 7 प्रतिशत होता है। इससे भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स पार्ट्स आयात करने वाली तथा स्मार्टफोन, रेफ्रिजरेटर, टीवी आदि का निर्माण और बिक्री करने वाली कंपनियों की लाभप्रदता में 2 से 3 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है। इस संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता कि ये आयातक कुछ लाभ उपभोक्ताओं को भी देते हों। इसलिए, अमेरिकी टैरिफ भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स खरीदने के इच्छुक उपभोक्ताओं के लिए एक वरदान साबित हो सकता है।
यह ध्यान देने योग्य है कि टीवी, रेफ्रिजरेटर, स्मार्टफोन आदि जैसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के भारतीय निर्माता एक बार में दो से तीन महीने के लिए कच्चे माल, यानी भागों का भंडार रखते हैं। इसलिए, वे मई-जून के लिए दिए गए इन्वेंट्री ऑर्डर पर इस छूट का लाभ उठा सकते हैं। हालांकि, इन ऑर्डरों को देने से पहले भारतीय निर्माता वर्तमान में चीनी कंपनियों के साथ बातचीत कर रहे हैं ताकि स्थिति का लाभ उठाया जा सके और 5 प्रतिशत से अधिक की छूट मिल सके।