बांग्लादेश भारत को ‘धोखा’ देगा, यूनुस तीस्ता नदी का प्रबंधन छीनकर चीन को सौंप देगा

बांग्लादेश, चीन ने समझौतों पर हस्ताक्षर किए: अपनी नई दिल्ली यात्रा के दौरान बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय बैठक में तीस्ता नदी जल प्रबंधन कार्य भारत को सौंपने का वादा किया। 22 जून, 2024 को दोनों नेताओं ने इस बात पर सहमति व्यक्त की कि तीस्ता जल प्रबंधन के लिए भविष्य की योजना तैयार करने हेतु एक भारतीय दल शीघ्र ही ढाका का दौरा करेगा। अब बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने भारत के लिए बेहद संवेदनशील इस नदी परियोजना का काम चीनी कंपनियों को सौंपने का वादा किया है। 

बांग्लादेश और चीन ने नौ समझौतों पर हस्ताक्षर किये

रिपोर्टों के अनुसार, शुक्रवार (28 मार्च) को बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की। इस दौरान नौ समझौतों पर हस्ताक्षर किये गये। कुछ समझौते भारत के हितों को प्रभावित करेंगे। मुहम्मद यूनुस ने न केवल तीस्ता जल प्रबंधन, बल्कि मोंगला बंदरगाह के विकास के लिए पूर्व अवामी लीग सरकार के कार्यकाल के दौरान भारत के साथ हस्ताक्षरित समझौते को भी रद्द करने के अपने इरादे का संकेत दिया है।

 

मोहम्मद यूनुस और शी जिनपिंग के बीच बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान में बांग्लादेश ने मोंगला बंदरगाह के आधुनिकीकरण और विकास के लिए चीन का स्वागत किया। चीन लंबे समय से इस पर नजर रख रहा है। चीन के भारी दबाव को नजरअंदाज करते हुए, हसीना सरकार ने जुलाई 2024 में भारत को वहां एक टर्मिनल विकसित करने के अधिकार प्रदान कर दिए।

चीन चटगाँव में विशेष आर्थिक क्षेत्र बनाएगा

यूनुस सरकार ने घोषणा की है कि चीन चटगाँव में एक विशेष आर्थिक क्षेत्र स्थापित करेगा। यह भारत के सामरिक हितों के लिए एक बड़ी चुनौती होगी। अब तक भारत अपने पूर्वोत्तर क्षेत्र को चीन से भावी चुनौतियों से बचाने के लिए बांग्लादेश के साथ सहयोग करता रहा है। लेकिन अब यूनुस सरकार ने पूर्वोत्तर राज्यों के सबसे नजदीकी बंदरगाह चटगाँव के पास चीन को बसाने की व्यवस्था करने की मंशा जाहिर की है।

चीन बांग्लादेश में विशेष चीनी औद्योगिक आर्थिक क्षेत्र विकसित करने में मदद करेगा

रिपोर्टों के अनुसार, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा, ‘चीन बांग्लादेश में एक विशेष चीनी औद्योगिक आर्थिक क्षेत्र और औद्योगिक पार्क बनाने में मदद करेगा।’ उन्होंने चीन में अधिक संख्या में बांग्लादेशी उत्पादों के आगमन तथा अरबों डॉलर की बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) परियोजनाओं के साथ-साथ डिजिटल और समुद्री अर्थव्यवस्था में सहयोग का भी स्वागत किया।