बच्चों की परवरिश में ध्यान रखने योग्य बातें: क्या न करें

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कहते हैं कि छोटे बच्चे कच्ची मिट्टी की तरह होते हैं, जिसे जिस सांचे में ढाल दिया जाए, वही बन जाते हैं। विशेष रूप से, छह साल की उम्र तक बच्चों का मानसिक विकास तेजी से होता है। इस उम्र में वे बहुत सी नई चीजें सीखते हैं और अपने आस-पास के माहौल से प्रभावित होते हैं। ऐसे में माता-पिता के लिए यह आवश्यक है कि वे अपनी परवरिश के तरीकों पर ध्यान दें। यहां कुछ बातें हैं, जिन्हें पैरेंट्स को अपने 6 साल से छोटे बच्चों के सामने नहीं करनी चाहिए, क्योंकि ये उनके मानसिक विकास पर बुरा असर डाल सकती हैं।

1. वित्तीय समस्याओं की चर्चा से बचें

बच्चों के सामने कभी भी अपनी वित्तीय समस्याओं या आय के बारे में बात न करें। भले ही बच्चे छोटी बातों को समझ न पाएं, लेकिन वे यह महसूस कर सकते हैं कि उनके माता-पिता तनाव में हैं। इससे बच्चे में अनावश्यक तनाव पैदा हो सकता है।

2. आपस में चिल्लाने से बचें

परिवार में आपसी झगड़ा होना स्वाभाविक है, लेकिन जब आप एक पेरेंट बन जाते हैं, तो आपको जिम्मेदाराना व्यवहार करना चाहिए। तेज आवाज में चिल्लाना और एक-दूसरे को भला-बुरा कहना बच्चे की मानसिक सेहत पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। बच्चों को यह देखकर सीखने का मौका मिलता है, और वे भी इसी व्यवहार को कॉपी कर सकते हैं।

3. गंभीर अपराध और काल्पनिक डरावनी बातें न करें

दिल दहलाने वाली घटनाओं का जिक्र करना स्वाभाविक है, लेकिन छोटे बच्चों के सामने इनका जिक्र करना उचित नहीं है। इसके अलावा, मजाक में भी बच्चों को काल्पनिक भूत-प्रेतों से डराने से बचें। ये बातें बच्चों के मन में डर पैदा कर सकती हैं, जो उनके मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल सकती हैं।

4. स्कूल और पढ़ाई के बारे में नकारात्मक बातें न करें

कभी-कभी माता-पिता मजाक में भी बच्चों के स्कूल और शिक्षकों की बुराई कर देते हैं। ऐसा करना बच्चे के मन में नकारात्मक धारणा बना सकता है। पढ़ाई के प्रति लापरवाह रवैया दिखाने से बच्चा भी इसी को अपनाने लगेगा। इसलिए हमेशा उनके स्कूल, शिक्षकों और पढ़ाई के प्रति सकारात्मक बातें करें।

5. लोगों की चुगली और बुराई से बचें

बच्चे अपने माता-पिता के व्यवहार से बहुत कुछ सीखते हैं। अगर आप हमेशा लोगों की बुराई करते हैं, तो बच्चा भी यही सीखता है। इससे बच्चे के मन में यह बैठ सकता है कि ऐसा करना सामान्य है। इसलिए किसी की बुराई करने से बचें, खासकर जब बच्चे आसपास हों।

इन बातों का ध्यान रखकर माता-पिता अपने बच्चों के मानसिक विकास को सकारात्मक दिशा में ले जा सकते हैं।