पार्टी की एकता को प्राथमिकता, कमला हैरिस पर भरोसा जताया

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अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडन ने हाल ही में बीते चुनावों को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने दावा किया कि यदि वह आम चुनावों में डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ खड़े होते, तो उन्हें हरा सकते थे। हालांकि, डेमोक्रेटिक पार्टी की एकता को प्राथमिकता देते हुए उन्होंने चुनाव के बीच में अपनी उम्मीदवारी वापस लेने का निर्णय लिया। शुक्रवार को व्हाइट हाउस में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में जब बाइडन से पूछा गया कि क्या उन्हें चुनाव न लड़ने के अपने फैसले पर अफसोस है, या क्या उन्होंने ट्रंप को राष्ट्रपति बनने का आसान मौका दे दिया, तो बाइडन ने स्पष्ट रूप से कहा, “मुझे ऐसा नहीं लगता। मुझे पूरा भरोसा था कि मैं ट्रंप को हरा सकता था। कमला हैरिस भी उन्हें हरा सकती थीं।”

पार्टी की एकता को प्राथमिकता

बाइडन ने यह भी कहा कि डेमोक्रेटिक पार्टी की एकता उनके लिए सर्वोपरि थी। उन्होंने कहा, “जब पार्टी के भीतर मेरे नेतृत्व को लेकर संदेह था, तब मैंने महसूस किया कि पार्टी को एकजुट करना जरूरी है। मुझे विश्वास था कि मैं चुनाव जीत सकता हूं, लेकिन पार्टी की एकता को प्राथमिकता दी।”

82 वर्षीय बाइडन का जून में अटलांटा में हुए राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों की डिबेट के दौरान प्रदर्शन औसत दर्जे का रहा, जिसके बाद पार्टी के कई सदस्यों ने उनके राष्ट्रपति पद की दौड़ से हटने की सलाह दी। अंततः बाइडन ने डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी से अपना नाम वापस ले लिया। उनकी जगह उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को उम्मीदवार बनाया गया, लेकिन वह डोनाल्ड ट्रंप से हार गईं।

कमला हैरिस पर भरोसा जताया

बाइडन ने कमला हैरिस की क्षमताओं पर भरोसा जताते हुए कहा कि वह भविष्य में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ने में सक्षम हैं। उन्होंने कहा, “यह एक ऐसा फैसला है, जिस पर उन्हें खुद विचार करना होगा। लेकिन मुझे लगता है कि वह पूरी तरह से तैयार हैं और चार साल बाद फिर से चुनाव लड़ सकती हैं।”

बाइडन का भविष्य की योजनाओं पर बयान

जब उनसे पूछा गया कि राष्ट्रपति पद छोड़ने के बाद क्या वह सक्रिय रहेंगे या बुश मॉडल अपनाते हुए सार्वजनिक जीवन से दूर हो जाएंगे, तो बाइडन ने मुस्कुराते हुए कहा, “मैं न तो नजरों से ओझल होऊंगा और न ही दिलों से।” उन्होंने यह भी संकेत दिया कि वह राजनीति और सामाजिक मुद्दों में सक्रिय भूमिका निभाते रहेंगे।

डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने का सफर

डोनाल्ड ट्रंप 20 जनवरी को अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेंगे। रिपब्लिकन पार्टी के नेता ट्रंप इससे पहले भी अमेरिका के राष्ट्रपति रह चुके हैं। बाइडन के मुकाबले ट्रंप का मजबूत जनाधार और प्रभावी प्रचार रणनीति उन्हें फिर से राष्ट्रपति पद पर लाने में सफल रही।

जो बाइडन का यह निर्णय और उनके बयान राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बने हुए हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले वर्षों में कमला हैरिस और बाइडन डेमोक्रेटिक पार्टी की रणनीति में किस तरह से योगदान देते हैं।