पाकिस्तान को हाल ही में एक और अंतरराष्ट्रीय अपमान का सामना करना पड़ा, जब सात देशों ने कुल 258 पाकिस्तानियों को अपने देश से निष्कासित कर दिया। इनमें सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और चीन जैसे बड़े देश शामिल हैं। कराची के जिन्ना अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर इमिग्रेशन विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि इन निष्कासित लोगों में से केवल 14 के पास वैध पाकिस्तानी पासपोर्ट थे, जबकि बाकी 244 को इमरजेंसी यात्रा दस्तावेजों पर वापस भेजा गया।
सऊदी अरब का भिखारियों पर कड़ा रुख
इमिग्रेशन प्रवक्ता के अनुसार, कराची एयरपोर्ट पर पहुंचे 16 निष्कासित लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें से एक की पहचान संदिग्ध पाई गई।
- सऊदी अरब से लौटने वाले 9 व्यक्तियों को पेशेवर भिखारी पाया गया।
- इनमें से 2 लोगों को बिना अनुमति हज करने के आरोप में सजा काटने के बाद निर्वासित किया गया।
- कई अन्य को बिना प्रायोजक (स्पॉन्सर) के अवैध रूप से काम करने के कारण वापस भेजा गया।
- 4 व्यक्तियों को ड्रग्स से जुड़े मामलों में शामिल होने की वजह से निकाला गया।
इन देशों ने भी निष्कासन किया
सऊदी अरब और यूएई के अलावा, चीन, कतर, इंडोनेशिया, साइप्रस, और नाइजीरिया से भी पाकिस्तानियों को निष्कासित किया गया।
कराची एयरपोर्ट पर यात्रियों को रोका गया
पिछले 24 घंटों में, एफआईए (फेडरल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी) की इमिग्रेशन सेल ने कराची एयरपोर्ट पर 35 यात्रियों को यात्रा करने से रोक दिया।
- इनमें से कई सऊदी अरब जाने वाले उमरा वीजा धारक थे, जिनके पास होटल बुकिंग और पर्याप्त धनराशि नहीं थी।
- कुछ यात्रियों को सही वर्क वीजा दस्तावेजों के अभाव में रोका गया।
पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय छवि को नुकसान
इन निष्कासनों ने पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय साख को और कमजोर कर दिया है। प्रवक्ता ने बताया कि हाल के महीनों में पाकिस्तानी नागरिकों के निर्वासन की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं। कई मुस्लिम देश अब पाकिस्तानी भिखारियों और अवैध गतिविधियों में शामिल लोगों से सख्त रवैया अपना रहे हैं।
यात्रियों के लिए चेतावनी
पाकिस्तानी अधिकारियों ने नागरिकों को विदेश यात्रा के लिए पूरी तैयारी और वैध दस्तावेजों के साथ यात्रा करने की सलाह दी है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर आवश्यक दस्तावेज नहीं होंगे, तो उन्हें न केवल विभिन्न देशों में परेशानी का सामना करना पड़ेगा, बल्कि उनकी वापसी पर कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है।