पश्चिम बंगाल में हिंदू वोटरों को एकजुट करने की अपील, मिथुन चक्रवर्ती के बयान पर तृणमूल कांग्रेस का विरोध

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता मिथुन चक्रवर्ती ने पश्चिम बंगाल में हिंदू वोटरों को एकजुट होने की अपील करते हुए बांग्लादेश का उल्लेख किया और कहा कि वहां जो हुआ, वह महज एक ट्रेलर था। उन्होंने आशंका जताई कि बंगाल में हिंदू बंगाली समुदाय का भविष्य खतरे में पड़ सकता है। मिथुन ने हिंदू मतदाताओं से बड़ी संख्या में बाहर निकलकर भाजपा को वोट देने की अपील करते हुए इसे “अस्तित्व की लड़ाई” बताया।

उन्होंने कहा, “आज भी 9 प्रतिशत हिंदू वोट नहीं देते। मैं चिल्लाकर कहता हूं, इस बार घरों से बाहर निकलें और भाजपा को वोट दें। अगर हिंदू एकजुट होकर मतदान नहीं करेंगे, तो आने वाले दिनों में कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा।”

मिथुन चक्रवर्ती के इस बयान पर तृणमूल कांग्रेस ने कड़ी आपत्ति जताई है। तृणमूल नेता जयप्रकाश मजूमदार ने आरोप लगाया कि मिथुन चक्रवर्ती बांग्लादेश का नाम लेकर पश्चिम बंगाल में अशांति फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “अगर कोई राज्य में सांप्रदायिक तनाव भड़काने की कोशिश करेगा, तो बंगाल के लोग उसे बर्दाश्त नहीं करेंगे।”

बीजेपी ने हिंदू वोटों को संगठित करने के लिए पहले से ही प्रचार अभियान तेज कर दिया है। कोलकाता और अन्य जिलों में “हिंदू-हिंदू भाई-भाई” के पोस्टर लगाए गए हैं। वहीं, रामनवमी के मद्देनजर भी भाजपा और हिंदुत्ववादी संगठनों ने अपनी सक्रियता बढ़ा दी है।

भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा, “हिंदू जाग चुके हैं। इस बार रामनवमी को भव्य रूप से मनाया जाएगा, उसके बाद हनुमान जयंती भी बड़े स्तर पर आयोजित होगी।”

इसी बीच भाजपा नेता दिलीप घोष ने चेतावनी दी कि अगर पुलिस रामनवमी के जुलूस को रोकने की कोशिश करती है, तो थानों का घेराव किया जाएगा। उन्होंने कहा, “हमारी शोभायात्रा में युवाओं को लाठी लेकर चलने का अधिकार होगा। इस बार एक करोड़ से ज्यादा हिंदू सड़कों पर उतरेंगे।”

रामनवमी को लेकर पश्चिम बंगाल में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है। हिंदुत्ववादी संगठनों ने 6 अप्रैल को कोलकाता के मौलाली से टैंरा तक एक विशाल रैली आयोजित करने की घोषणा की है, जिससे राज्य में चुनावी माहौल और अधिक गरमा गया है।