
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता दिलीप घोष ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल के कई जिलों से हिंदू आबादी को व्यवस्थित तरीके से बाहर निकालने की साजिश का आरोप लगाया। उन्होंने मालदा, मुर्शिदाबाद, उत्तर और दक्षिण दिनाजपुर, नदिया, बीरभूम और हावड़ा जैसे जिलों का नाम लेते हुए दावा किया कि इन इलाकों में हिंदू समुदाय पर बार-बार हमले हो रहे हैं। घोष के अनुसार, बांग्लादेश से बड़ी संख्या में लोग भारत में प्रवेश कर रहे हैं और यहां अशांति फैला रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन घटनाओं के पीछे हिंदू आबादी को इन जिलों से हटाने का सुनियोजित प्रयास है।
मालदा में डीएम कार्यालय के घेराव के साथ प्रदर्शन
इस मुद्दे को लेकर दिलीप घोष, सांसद खगेन मुर्मू और अन्य भाजपा नेताओं ने मालदा में जिलाधिकारी कार्यालय का घेराव किया और विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने स्थानीय प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग करते हुए आरोप लगाया कि मोथाबारी, मालदा और मुर्शिदाबाद में रामनवमी से पहले हिंदुओं को धमकाया गया था। घोष ने बताया कि यह रैली न केवल सरकार को चेतावनी देने के लिए थी, बल्कि हिंदू समुदाय को एकजुट और सशक्त करने के उद्देश्य से भी आयोजित की गई थी। उन्होंने कहा, “हम अपनी मांगें सामने रख चुके हैं। यदि इन पर कार्रवाई नहीं हुई तो विरोध आगे भी जारी रहेगा।”
शुभेंदु अधिकारी का आश्वासन – मोथाबारी जैसी घटना दोबारा नहीं होगी
भाजपा नेता और नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने 11 अप्रैल को मोथाबारी में हिंसा पीड़ितों से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाएं भविष्य में दोबारा नहीं होंगी और भाजपा राज्य में हिंदुओं को सुरक्षा प्रदान करेगी। उन्होंने आरोप लगाया कि मालदा में मुस्लिम बहुल मतदाताओं को एकजुट कर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के लिए तुष्टिकरण की राजनीति की जा रही है, जबकि हिंदू, किसान और गरीब तबके की उपेक्षा हो रही है। अधिकारी ने कहा कि यह समय है जब अदालत को भी इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए।
मालदा हिंसा और प्रशासन की कार्रवाई
शुभेंदु अधिकारी ने दावा किया कि हाल ही में हुई हिंसा में मोथाबारी इलाके में हिंदू समुदाय की करीब 86 दुकानों और घरों को निशाना बनाकर लूटा और नष्ट किया गया। उन्होंने कहा कि वह इन पीड़ित परिवारों से मिलने पहुंचे हैं और चार सालों में कई जगहों पर भाजपा ने हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को रोका है। गौरतलब है कि 27 मार्च को मालदा के मोथाबारी क्षेत्र में दो समुदायों के बीच हिंसा भड़क उठी थी, जिसके बाद अब तक 61 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है और तीन संवेदनशील क्षेत्रों में इंटरनेट सेवा स्थगित कर दी गई है।
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