नोएडा सेक्टर 62 से मामूरा तक बनेगा मोबिलिटी कॉरिडोर: जाम से मिलेगी स्थायी राहत, 5 लाख से अधिक लोगों को होगा फायदा

गाजियाबाद-नोएडा वालों के लिए खुशखबरी!, नोएडा सेक्‍टर 62 से मामूरा तक हमेशा के लिए खत्‍म होगा जाम
गाजियाबाद-नोएडा वालों के लिए खुशखबरी!, नोएडा सेक्‍टर 62 से मामूरा तक हमेशा के लिए खत्‍म होगा जाम

नोएडा के सेक्टर 62 मॉडल टाउन गोलचक्कर से सेक्टर 60 मामूरा तक सफर करने वाले लाखों लोगों के लिए बड़ी राहत की खबर है। लंबे समय से इस रूट पर लगने वाले ट्रैफिक जाम से छुटकारा पाने के लिए नोएडा प्राधिकरण ने एक बार फिर मोबिलिटी कॉरिडोर परियोजना को अमलीजामा पहनाने की तैयारी शुरू कर दी है। इस प्रोजेक्ट से न केवल जाम से राहत मिलेगी, बल्कि पूरे क्षेत्र की यातायात व्यवस्था भी आधुनिक और सुचारु हो जाएगी।

 क्या है मोबिलिटी कॉरिडोर प्रोजेक्ट?

नोएडा के सेक्टर 62 मॉडल टाउन गोलचक्कर से सेक्टर 60 मामूरा तक का इलाका नोएडा और गाजियाबाद को जोड़ने वाला प्रमुख मार्ग है। यहां सुबह-शाम ट्रैफिक का भारी दबाव रहता है। वाहनों की लंबी कतारें आम नज़ारा बन चुकी हैं।

अब नोएडा अथॉरिटी इस पूरे रूट पर एक आधुनिक 2.9 किलोमीटर लंबा मोबिलिटी कॉरिडोर बनाएगी, जिससे इस जाम वाले इलाके में ट्रैफिक का बेहतर बंटवारा होगा और यात्री सुगमता से आवागमन कर सकेंगे।

 टेंडर फिर से निकाले जाएंगे

इस परियोजना के लिए नोएडा प्राधिकरण पहले भी टेंडर निकाल चुका है, लेकिन तकनीकी कारणों से कंपनी का चयन नहीं हो पाया। अब प्राधिकरण ने दोबारा टेंडर निकालने का फैसला लिया है ताकि प्रोजेक्ट पर जल्द से जल्द काम शुरू हो सके।

 सौंदर्यीकरण के साथ-साथ स्मार्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर

इस परियोजना का उद्देश्य सिर्फ ट्रैफिक समस्या का समाधान नहीं, बल्कि पूरे इलाके का सौंदर्यीकरण और सुविधाजनक ढांचागत विकास भी है।

  • सड़कों का चौड़ीकरण होगा

  • फुटपाथ और वॉकवे बनेंगे

  • ट्रैफिक सिग्नल्स और लाइटिंग लगेगी

  • पेड़ों की प्लांटेशन और हरियाली का भी ख्याल रखा जाएगा

 गोलचक्कर का आकार घटेगा

इस योजना के अंतर्गत सेक्टर 62 मॉडल टाउन गोलचक्कर का आकार भी छोटा किया जाएगा ताकि वहां वाहनों का मूवमेंट सरल हो। साथ ही, गोलचक्कर के कोनों पर बने सार्वजनिक शौचालयों को हटाया जाएगा ताकि ट्रैफिक में रुकावट न हो।

 ऑटो और ई-रिक्शा स्टैंड की व्यवस्था

छिजारसी की ओर जाने वाले मार्ग पर एक ऑटो और ई-रिक्शा स्टैंड भी बनाया जाएगा जिससे पब्लिक ट्रांसपोर्ट को अलग लेन मिलेगी। इससे मुख्य सड़क पर वाहनों का दबाव कम होगा और ट्रैफिक सुचारु रहेगा।

 6 महीने में होगा काम पूरा

प्राधिकरण का दावा है कि जैसे ही टेंडर प्रक्रिया पूरी होती है और निर्माण कंपनी तय होती है, काम की शुरुआत हो जाएगी और महज 6 महीनों में पूरा प्रोजेक्ट तैयार कर लिया जाएगा। यह समयबद्ध कार्य योजना इस बात को सुनिश्चित करेगी कि लोगों को जल्दी राहत मिले।

 कितने लोगों को होगा लाभ?

नोएडा अथॉरिटी के अनुसार, इस प्रोजेक्ट से नोएडा और गाजियाबाद के लगभग 5 लाख लोग सीधे तौर पर लाभान्वित होंगे। खासतौर से जो लोग रोजाना इस रूट से यात्रा करते हैं, उन्हें ट्रैफिक में घंटों फंसे रहने की परेशानी से मुक्ति मिल जाएगी।

 ट्रैफिक का दबाव होगा कम

कॉरिडोर बनने के बाद:

  • मुख्य मार्गों पर ट्रैफिक का दबाव घटेगा

  • अलग-अलग लेन की सुविधा से गति में सुधार

  • पब्लिक ट्रांसपोर्ट का ट्रैक अलग होने से रफ्तार में बढ़ोतरी

 आरामदायक और सुरक्षित सफर

इस योजना में ट्रैफिक सिग्नल्स, संकेत बोर्ड, रोशनी, चौड़ी सड़कें और सुरक्षा के उपाय शामिल हैं। इससे न केवल सफर सुविधाजनक होगा बल्कि दुर्घटनाओं की संभावना भी घटेगी।

 कितनी आएगी लागत?

नोएडा अथॉरिटी के मुताबिक, इस पूरे प्रोजेक्ट पर करीब ₹7.72 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इसमें निर्माण कार्य, ले-आउट बदलाव, सौंदर्यीकरण, ट्रैफिक प्रबंधन, और अन्य स्मार्ट सुविधाएं शामिल होंगी।