नेशनल हेराल्ड केस: ईडी ने सोनिया और राहुल गांधी के खिलाफ दाखिल किया आरोपपत्र, 2,000 करोड़ रुपये की संपत्ति हड़पने का आरोप

नेशनल हेराल्ड केस: ईडी ने सोनिया और राहुल गांधी के खिलाफ दाखिल किया आरोपपत्र, 2,000 करोड़ रुपये की संपत्ति हड़पने का आरोप
नेशनल हेराल्ड केस: ईडी ने सोनिया और राहुल गांधी के खिलाफ दाखिल किया आरोपपत्र, 2,000 करोड़ रुपये की संपत्ति हड़पने का आरोप

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कांग्रेस के शीर्ष नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं। दोनों नेताओं सहित अन्य आरोपियों पर 2,000 करोड़ रुपये की संपत्ति हड़पने के लिए आपराधिक साजिश रचने का आरोप है।

क्या हैं ईडी के आरोप?

ईडी का कहना है कि एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) की लगभग 2,000 करोड़ रुपये की संपत्तियों को हासिल करने के लिए सोनिया और राहुल गांधी ने एक निजी कंपनी ‘यंग इंडियन’ का इस्तेमाल किया। आरोप है कि एजेएल के 99 प्रतिशत शेयर केवल 50 लाख रुपये में यंग इंडियन को हस्तांतरित किए गए। सोनिया गांधी और राहुल गांधी यंग इंडियन के बहुलांश शेयरधारक हैं।

आरोपपत्र में आरोपी

विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने की अदालत में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत दायर आरोपपत्र में सोनिया गांधी आरोपी नंबर एक और राहुल गांधी आरोपी नंबर दो हैं। अन्य आरोपियों में कांग्रेस नेता सुमन दुबे, सैम पित्रोदा, यंग इंडियन, डोटेक्स मर्चेंडाइज प्राइवेट लिमिटेड और इसके अधिकारी सुनील भंडारी शामिल हैं। आरोप सिद्ध होने पर सात साल तक की जेल की सजा हो सकती है।

5,000 करोड़ रुपये तक की संपत्तियां जुड़ीं

ईडी के मुताबिक इस मामले में अपराध से अर्जित संपत्तियों का मौजूदा बाजार मूल्य करीब 5,000 करोड़ रुपये है। अब तक 661 करोड़ रुपये मूल्य की अचल संपत्तियों को ईडी ने जब्त करने की प्रक्रिया शुरू की है।

वोरा और फर्नांडिस पर कार्यवाही स्थगित

मामले में दिवंगत कांग्रेस नेताओं मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडिस के खिलाफ कार्यवाही फिलहाल स्थगित की गई है, हालांकि ईडी आने वाले दिनों में पूरक आरोपपत्र दाखिल कर सकती है।

गांधी परिवार कैसे फंसा?

सोनिया और राहुल गांधी यंग इंडियन में 38-38 प्रतिशत शेयर रखते हैं। ईडी के अनुसार, कांग्रेस द्वारा एजेएल को दिए गए 90.21 करोड़ रुपये के कर्ज को शेयरों में बदला गया और मात्र 50 लाख रुपये में यंग इंडियन को ट्रांसफर किया गया। ईडी ने इसे आपराधिक षड्यंत्र बताते हुए कहा है कि ऐसा करके हजारों करोड़ की संपत्ति गांधी परिवार के नियंत्रण में चली गई।

414 करोड़ रुपये की कर चोरी का आरोप

आरोपपत्र में 2017 के आयकर विभाग के मूल्यांकन आदेश का भी हवाला दिया गया है, जिसमें यंग इंडियन द्वारा 414 करोड़ रुपये से अधिक की कर चोरी का आरोप है। ईडी का कहना है कि यंग इंडियन ने अपने अस्तित्व के दौरान कोई धर्मार्थ गतिविधि नहीं की।

मामले की शुरुआत कैसे हुई?

इस मामले की जांच भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी की निजी शिकायत के आधार पर शुरू हुई, जिसे दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने 2014 में संज्ञान लिया था। इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी गई, लेकिन दोनों ही अदालतों ने हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया।