
3 अप्रैल 2025 को लोकसभा में एक अहम बयान देते हुए केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने देशभर में हो रहे बस हादसों और उनसे होने वाली मौतों पर गहरी चिंता जताई। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि अब भारत में केवल यूरोपीय सुरक्षा मानकों पर आधारित बसों को चलने की अनुमति दी जाएगी।
गडकरी ने उन बसों को “हथौड़ा छाप” कहकर संबोधित किया, जो सुरक्षा के बुनियादी मानकों को नजरअंदाज करते हुए घटिया निर्माण के साथ सड़कों पर दौड़ रही हैं। उन्होंने कहा, “अब देश में यूरोपीय मानक वाली बसें चलेंगी, हथौड़ा छाप बसें नहीं चलेंगी।”
क्या होती हैं ‘हथौड़ा छाप’ बसें?
गडकरी के मुताबिक, देश के कई हिस्सों में ऐसी बसें बनाई जा रही हैं जो सस्ते और जल्दबाजी में तो तैयार हो जाती हैं, लेकिन यात्रियों की सुरक्षा से समझौता करती हैं।
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ये बसें आमतौर पर बिना मजबूत ढांचे और सुरक्षा फीचर्स के बनाई जाती हैं।
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दुर्घटना की स्थिति में इनमें यात्रियों की जान बचाना मुश्किल होता है।
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ऐसी बसों में ना तो इमरजेंसी निकास की सुविधा होती है, और ना ही पर्याप्त अग्नि सुरक्षा या संरचनात्मक मजबूती।
गडकरी ने यह भी कहा कि अब समय आ गया है कि भारत में यात्री सुरक्षा सर्वोपरि हो, और इसके लिए निर्माण की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
ट्रकों में अब अनिवार्य होंगे एयर कंडीशंड केबिन
बसों के साथ-साथ गडकरी ने ट्रक चालकों की सुरक्षा और सुविधा को लेकर भी बड़ा निर्णय लिया है। उन्होंने घोषणा की कि अब देश में कोई भी नया ट्रक बिना एयर कंडीशनिंग केबिन के पंजीकृत नहीं होगा।
उन्होंने लोकसभा में कहा, “अगर यहां एसी नहीं होता तो हमारी क्या हालत होती? इसलिए अब हमने ट्रकों के एसी केबिन को अनिवार्य बना दिया है।”
यह कदम खासतौर पर ट्रक चालकों की कार्य परिस्थितियों को बेहतर बनाने और लंबी दूरी की यात्राओं में उनकी थकान कम करने के लिए उठाया गया है।
ड्राइविंग लाइसेंस प्रक्रिया होगी और सख्त
गडकरी ने सड़कों पर बढ़ते हादसों की एक बड़ी वजह खराब ड्राइविंग को बताया और कहा कि देश में ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने की प्रणाली को और सख्त और व्यवस्थित करने की जरूरत है। उनका मानना है कि:
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केवल प्रशिक्षित और सक्षम चालकों को ही लाइसेंस मिलना चाहिए।
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लापरवाह ड्राइविंग पर कड़ी निगरानी और दंड की व्यवस्था होनी चाहिए।
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इसके लिए मंत्रालय नए कदमों पर काम कर रहा है।