
चैत्र नवरात्रि की शुरुआत के साथ ही बाजारों में रौनक तो देखने को मिल रही है, लेकिन इस बार त्योहार की तैयारी करते हुए लोगों की जेब पर महंगाई की जबरदस्त मार पड़ी है। व्रत-उपवास में इस्तेमाल होने वाली चीजें—फलों से लेकर आटे तक—सबकी कीमतों में भारी इजाफा हुआ है। सेब, केला, नारियल, कुट्टू और सिंघाड़े के आटे समेत कई वस्तुएं अब पहले के मुकाबले काफी महंगी हो गई हैं।
फलों के दाम छू रहे आसमान
त्योहारी मौसम की शुरुआत होते ही फलों की कीमतों में तेजी से उछाल देखने को मिल रहा है:
- सेब: पहले ₹160-₹200 प्रति किलो बिकने वाला सेब अब ₹200-₹250 किलो तक पहुंच चुका है।
- केला: एक दर्जन केले जो पहले ₹40 में मिल जाते थे, अब ₹60-₹80 प्रति दर्जन में बिक रहे हैं।
- पपीता: अब ₹60 प्रति किलो मिल रहा है।
- अंगूर: ₹120 प्रति किलो तक की कीमत पर पहुंच गए हैं।
- नारियल: ₹70 तक बिक रहा है।
इस बढ़ोतरी की वजह बढ़ी मांग और कम आपूर्ति बताई जा रही है, खासकर पर्व-त्योहार के समय जब फल की खपत कई गुना बढ़ जाती है।
उपवास में काम आने वाले आटे के दाम भी चढ़े
व्रत के दौरान सबसे ज्यादा उपयोग होने वाले कुट्टू और सिंघाड़े के आटे की कीमतों में भी खासा इजाफा हुआ है:
- सिंघाड़े का आटा: अब ₹200 प्रति किलो बिक रहा है।
- कुट्टू का आटा: पहले ₹140 किलो मिल रहा था, अब इसकी कीमत ₹160 प्रति किलो तक पहुंच चुकी है।
- सांवक के चावल और चौलाई की कीमतें भी ₹20 प्रति किलो तक बढ़ चुकी हैं।
बावजूद इसके, भक्तों की श्रद्धा अडिग
भले ही कीमतें आसमान छू रही हों, लेकिन भक्तों की आस्था में कोई कमी नहीं आई है। बाजारों में चहल-पहल और पूजा सामग्री की खरीदारी अभी भी जारी है। लोगों का कहना है कि नवरात्रि में धार्मिक आस्था के आगे खर्च मायने नहीं रखता।
थोक विक्रेताओं की सफाई: डिमांड ज्यादा, सप्लाई कम
थोक विक्रेताओं का कहना है कि हर साल त्योहारों के दौरान 15-20% तक महंगाई आना सामान्य है, लेकिन इस बार लॉजिस्टिक समस्याएं और मौसम के प्रभाव ने सप्लाई चेन को प्रभावित किया है। इसी वजह से कीमतों में कुछ ज्यादा ही तेजी देखी जा रही है।