
चैत्र नवरात्रि का पर्व श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है। नौ दिवसीय उपवास का समापन अष्टमी या नवमी तिथि को कन्या पूजन और हवन के साथ होता है। इस दिन मां दुर्गा के नौ स्वरूपों का प्रतीक मानते हुए छोटी कन्याओं को आदरपूर्वक बुलाया जाता है, उन्हें भोजन कराया जाता है और श्रद्धा से उपहार भी भेंट किए जाते हैं।
हालांकि, कई बार जाने-अनजाने में लोग ऐसी चीजें भी उपहार में दे देते हैं जिन्हें धार्मिक दृष्टि से अनुचित या अशुभ माना जाता है। आइए जानते हैं कि कन्या पूजन में किन चीजों से परहेज करना चाहिए और कौन सी वस्तुएं उपहार में देना सबसे उपयुक्त होता है।
कन्या पूजन में क्या न दें उपहार में
चमड़े से बनी वस्तुएं
चमड़े से बने बैग, बेल्ट, पर्स या जूते जैसे सामान नवरात्रि की सात्विकता के विरुद्ध माने जाते हैं। देवी पूजन पूर्णतः पवित्र और अहिंसा-प्रधान होता है, जबकि चमड़ा पशु हिंसा से जुड़ा होता है।
काले रंग की चीजें
धार्मिक परंपराओं में काले रंग को अक्सर अशुभ माना जाता है। इसलिए काले कपड़े, चूड़ियां या अन्य वस्तुएं कन्याओं को उपहार में न दें।
नुकीली वस्तुएं
चाकू, कैंची, सुई जैसी वस्तुएं उपहार में देना उचित नहीं माना जाता। ये विघ्न और संबंधों में कटाव का प्रतीक मानी जाती हैं।
पुरानी या उपयोग की हुई चीजें
कन्या पूजन के समय पुराने या पहले से इस्तेमाल की गई वस्तुएं देना सम्मान की भावना के विपरीत माना जाता है। उपहार हमेशा नई, स्वच्छ और सुंदर वस्तुएं ही दें।
नकारात्मक प्रतीकों वाली चीजें
ऐसी कोई वस्तु जिसमें डर, हिंसा या दुख दर्शाया गया हो, बच्चों को उपहार में नहीं देनी चाहिए। हमेशा सकारात्मक और शुभ प्रतीक वाली वस्तुएं ही चुनें।
कन्या पूजन में क्या दें उपहार में
कन्या पूजन के अवसर पर आप निम्नलिखित चीजें उपहार में दे सकते हैं:
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नई चूड़ियां या कंगन
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लाल चुनरी या दुपट्टा
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मिठाई और फल
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पेन, पेंसिल, नोटबुक
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हेयर क्लिप्स, हेयर बैंड, रबर बैंड
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छोटा पर्स या पानी की बोतल
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धार्मिक या शैक्षणिक किताबें, ड्राइंग किट
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छोटे खिलौने
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तिलक या रोली किट
इन वस्तुओं के माध्यम से न केवल बच्चियों को प्रसन्न किया जा सकता है, बल्कि उनके प्रति सम्मान और श्रद्धा भी प्रकट की जा सकती है।
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