
दुनिया की लगभग हर प्राचीन सभ्यता में एक ऐसी देवी की धारणा पाई जाती है जो शक्ति, सुरक्षा और विनाश का स्वरूप होती है—कुछ उसी तरह जैसे भारतीय संस्कृति में देवी दुर्गा की कल्पना की गई है। ये देवियां संकट के समय अपने भक्तों की रक्षा करती हैं और अंधकार में आशा की किरण बनकर प्रकट होती हैं। आइए जानें कि विभिन्न सभ्यताओं और धर्मों में ऐसी शक्तिशाली देवियों को किन-किन नामों से जाना और पूजा जाता है।
ग्रीक धर्म
अथेना (Athena)
ज्ञान, युद्ध और रणनीति की देवी। वे न्याय के लिए युद्ध करने वाली योद्धा थीं। उनके हाथ में ढाल और भाला होता था, जो उन्हें एक रक्षक देवी के रूप में प्रस्तुत करता है—कुछ-कुछ दुर्गा के समान।
आर्टेमिस (Artemis)
शिकार, जंगल और स्वतंत्रता की देवी। वे महिलाओं और बच्चों की रक्षक मानी जाती थीं। स्वतंत्रता और निर्भयता का प्रतीक थीं।
रोमन धर्म
मिनर्वा (Minerva)
रोमन सभ्यता की अथेना। वे ज्ञान, कला और युद्ध की देवी थीं। उन्हें सृजनात्मकता और विवेक की प्रतीक माना जाता था।
मिस्र की परंपरा
सेखमेत (Sekhmet)
शेरनी का सिर लिए यह देवी युद्ध और महामारी की देवी मानी जाती थीं। इनका उग्र और शक्तिशाली रूप देवी दुर्गा के रौद्र स्वरूप से मेल खाता है।
आइसिस (Isis)
प्रेम, मातृत्व और जादू की देवी। संकट में साथ देने वाली और करुणा से परिपूर्ण देवी, जिनकी पूजा रक्षक रूप में होती थी।
नॉर्स (वाइकिंग) परंपरा
फ्रेया (Freyja)
युद्ध और प्रेम की देवी, जो योद्धाओं की आत्माओं की मार्गदर्शक मानी जाती थीं। वे सौंदर्य, शक्ति और स्वतंत्रता का प्रतीक थीं।
ईसाई परंपरा
वर्जिन मैरी (Virgin Mary)
हालांकि वे युद्ध की देवी नहीं हैं, फिर भी ईसाई धर्म में उन्हें करुणा, सुरक्षा और आध्यात्मिक शक्ति की मूर्ति के रूप में पूजा जाता है।
बौद्ध धर्म
पाल्डेन ल्हामो (Palden Lhamo)
तिब्बती बौद्ध धर्म की एक उग्र रक्षक देवी, जो बुराइयों से रक्षा करने के लिए जानी जाती हैं।
ग्रीन तारा (Green Tara)
करुणा और संकट से मुक्ति की देवी। उन्हें शांत और सशक्त दोनों रूपों में पूजा जाता है।
जापानी शिन्तो धर्म
अमातेरासु (Amaterasu)
सूर्य की देवी, जिन्हें ब्रह्मांड की जननी और जीवनदायिनी शक्ति माना जाता है। वे प्रकाश, ऊर्जा और रक्षण की देवी हैं।
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