
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन को छोड़कर बाकी देशों पर लगाए गए टैरिफ यानी सीमा शुल्क पर अस्थायी रोक लगाने का ऐलान किया है। इस फैसले के बाद अमेरिकी शेयर बाजार में जबरदस्त उछाल देखा गया। ट्रंप ने कई देशों के लिए अगले 90 दिनों तक टैरिफ स्थगित करने की घोषणा की, लेकिन चीन से होने वाले आयात पर शुल्क को 125 प्रतिशत तक बढ़ा दिया। इस फैसले का असर न सिर्फ अमेरिका, बल्कि पूरी दुनिया के शेयर बाजारों पर नजर आया।
अमेरिकी बाजार में ऐतिहासिक तेजी
टैरिफ पर अस्थायी रोक के बाद अमेरिका के प्रमुख शेयर बाजारों में ऐतिहासिक तेजी देखने को मिली। वॉल स्ट्रीट पर एसएंडपी 500 इंडेक्स ने 2008 के बाद की सबसे बड़ी बढ़त दर्ज की। डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज 2,962.86 अंक यानी 7.87 प्रतिशत की छलांग के साथ 40,608.45 पर बंद हुआ। वहीं नैस्डैक कंपोजिट 1,857.06 अंक यानी 12.16 प्रतिशत बढ़कर 17,124.97 के स्तर पर पहुंच गया। इस रैली ने निवेशकों में भरोसा लौटाया और बाजार का माहौल फिर से सकारात्मक बन गया।
एशियाई बाजारों में भी दिखा उत्साह
अमेरिकी बाजारों में आई मजबूती का असर एशियाई बाजारों में भी देखने को मिला। जापान का निक्केई सूचकांक 7.38 प्रतिशत चढ़ा, जबकि दक्षिण कोरिया का कोस्पी इंडेक्स 5.4 प्रतिशत की तेजी के साथ बंद हुआ। हांगकांग का हैंग सेंग सूचकांक दिन की शुरुआत में कमजोर जरूर रहा, लेकिन अन्य एशियाई बाजारों में उत्साह बना रहा। ऑस्ट्रेलिया का एसएंडपी एएसएक्स 200 वायदा बाजार भी करीब 7 प्रतिशत की बढ़त के संकेत दे रहा है।
भारतीय बाजार पर भी असर, लेकिन अवकाश के कारण कारोबार बंद
भारत में 10 अप्रैल 2025 को महावीर जयंती के उपलक्ष्य में शेयर बाजार बंद रहेगा। इसलिए, भले ही अंतरराष्ट्रीय बाजारों में तेजी का माहौल हो, भारतीय इक्विटी बाजार में आज कोई कारोबार नहीं होगा। हालांकि, कमोडिटी डेरिवेटिव सेगमेंट में शाम के सत्र के दौरान ट्रेडिंग खुली रहेगी।
ट्रंप के इस फैसले ने एक बार फिर दिखा दिया है कि अमेरिका के आर्थिक निर्णयों का वैश्विक बाजार पर सीधा प्रभाव पड़ता है।
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