देश में दूध और दूध उत्पादों के क्षेत्र में नियमों का उल्लंघन करने पर खाद्य संचालकों पर लगाए गए दंड और जुर्माने की संख्या दो वर्षों में 13 गुना बढ़ गई है। भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) द्वारा उपलब्ध कराए गए विवरण के अनुसार, वर्ष 2021-22 में दूध एवं दूध उत्पादों के कुल 552 संचालकों को उल्लंघन के लिए दंडित किया गया और जुर्माना लगाया गया।
2023-24 के अंत तक इसमें और वृद्धि होकर यह 14,384 तक पहुंच जाएगी।
हालाँकि, वर्ष 2022-23 के अंत तक यह आंकड़ा बढ़कर 6,953 हो गया और वर्ष 2023-24 के अंत तक यह बढ़कर 7,109 हो गया। इसी प्रकार, ऐसे ऑपरेटरों के खिलाफ दर्ज मामलों की संख्या, जो 2021-22 में 3,959 थी, 2022-23 में बढ़कर 10,381 हो गई और 2023-24 के अंत तक बढ़कर 14,384 हो गई। केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेयरी राज्य मंत्री प्रो. एस.पी. सिंह बघेल ने राज्यसभा सांसद परिमल नथवाणी द्वारा पूछे गए प्रश्न के उत्तर में 2 अप्रैल, 2025 को राज्यसभा में यह जानकारी प्रस्तुत की।
देश में डेयरी मवेशियों की संख्या में भी निरंतर वृद्धि देखी गई।
मंत्री द्वारा दिए गए विवरण के अनुसार, देश में डेयरी मवेशियों की संख्या में भी निरंतर वृद्धि हो रही है। भारत में डेयरी मवेशियों की कुल संख्या 2021-22 में 14.50 करोड़ थी, जो 2023-24 के अंत तक बढ़कर 15.58 करोड़ हो जाएगी। दूसरी ओर, इस अवधि के दौरान गुजरात में डेयरी मवेशियों की संख्या भी 93 लाख से बढ़कर 96 लाख से अधिक हो गई है। बयान में यह भी उल्लेख किया गया है कि डेयरी उद्योग में सहकारी समितियों द्वारा तरल दूध की बिक्री 2021-22 में 390.86 लाख लीटर प्रतिदिन से बढ़कर 2023-24 के अंत में 438.25 लाख लीटर प्रतिदिन हो जाएगी। गुजरात की बात करें तो राज्य में सहकारी समितियों द्वारा बेचे जाने वाले तरल दूध की मात्रा 2021-22 में 60.44 लाख लीटर प्रतिदिन थी, जो 2023-24 में बढ़कर 65.84 लाख लीटर प्रतिदिन हो गई।
एफएसएस अधिनियम भी लागू किया गया।
मंत्री ने आगे कहा कि एफएसएस अधिनियम को राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों के खाद्य सुरक्षा आयुक्तों के माध्यम से एफएसएसएआई द्वारा क्रियान्वित और लागू किया गया है। एफएसएसएआई ने एफएसएस (खाद्य उत्पाद मानक और खाद्य योजक) विनियम, 2011 के तहत विभिन्न डेयरी उत्पादों और एनालॉग्स के लिए मानकों की अधिसूचना जारी की है। डेयरी उत्पादों को उच्च जोखिम वाले खाद्य श्रेणी में वर्गीकृत किया गया है। एफएसएसएआई के अनुसार, नियमित निगरानी, निरीक्षण और निरीक्षण के अलावा, पूरे वर्ष यादृच्छिक नमूनाकरण किया जाता है। परिमल नाथवानी पिछले तीन वर्षों के दौरान देश में जब्त नकली डेयरी उत्पादों का विवरण जानना चाहते थे, साथ ही डेयरी पशुओं की संख्या और दूध व डेयरी उत्पादों की बिक्री में हुई वृद्धि के बारे में भी जानना चाहते थे।