दिशा सालियान केस: पिता ने की हत्या की जांच की मांग, मुंबई पुलिस ने आत्महत्या बताया

बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की पूर्व मैनेजर दिशा सालियान की कथित आत्महत्या को लेकर विवाद एक बार फिर गहरा गया है। दिशा के पिता सतीश सालियान ने इस मामले को हत्या करार देते हुए नए सिरे से जांच की मांग की है और शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे पर एफआईआर दर्ज करने की अपील की है।

मुंबई पुलिस का चौंकाने वाला दावा

हालांकि, मुंबई पुलिस की क्लोजर रिपोर्ट में दिशा सालियान की मौत को आत्महत्या बताया गया था। पुलिस ने अपनी जांच में दिशा के पिता को भी जिम्मेदार ठहराया था, क्योंकि कथित तौर पर उन्होंने दिशा के पैसे का गलत इस्तेमाल किया था, जिससे वह मानसिक तनाव में थीं।

कैसे हुई थी दिशा की मौत?

पुलिस के अनुसार, 8 जून 2020 को दिशा सालियान ने मलाड के जनकल्याण नगर में स्थित एक इमारत की 12वीं मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली थी।
इस मामले की जांच करने वाली मालवणी पुलिस ने 4 फरवरी 2021 को क्लोजर रिपोर्ट सौंप दी थी।

जांच में क्या सामने आया?

मुंबई पुलिस के अनुसार, दिशा पिछले कुछ समय से डिप्रेशन में थीं, जिसके पीछे कुछ असफल प्रोजेक्ट्स, दोस्तों के साथ गलतफहमियां और उनके पिता द्वारा किए गए पैसों के दुरुपयोग जैसी बातें सामने आईं।

पिता ने हाईकोर्ट में दायर की याचिका

पिछले हफ्ते दिशा के पिता ने बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर कर मामले की नए सिरे से जांच की मांग की। उन्होंने आरोप लगाया कि दिशा के साथ दुष्कर्म किया गया और फिर उसकी हत्या कर दी गई।

याचिका में यह भी कहा गया कि कुछ प्रभावशाली लोगों को बचाने के लिए इस मामले को दबाने की साजिश रची गई। उन्होंने जांच को सीबीआई को सौंपने की भी मांग की।

आदित्य ठाकरे पर आरोप और उनकी प्रतिक्रिया

दिशा सालियान की मौत को लेकर शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे पर भी आरोप लगाए गए हैं। हालांकि, आदित्य ठाकरे ने कहा है कि वह इन आरोपों का जवाब अदालत में देंगे।

सीबीआई ने सुशांत सिंह राजपूत केस में दी क्लीन चिट

इससे पहले, सीबीआई ने सुशांत सिंह राजपूत की मौत मामले में अपनी क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर दी थी, जिसमें किसी भी तरह की गड़बड़ी की आशंका नहीं जताई गई और रिया चक्रवर्ती व उनके परिवार को क्लीन चिट दे दी गई।

अब क्या होगा?

मुंबई पुलिस की क्लोजर रिपोर्ट के बावजूद, दिशा के माता-पिता मामले की दोबारा जांच की मांग कर रहे हैं। अब देखना यह होगा कि हाईकोर्ट इस पर क्या रुख अपनाता है और क्या इस मामले की जांच दोबारा होगी या नहीं।