सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगर कोई व्यक्ति अपराधी भी है तो उसे भी कानून के मुताबिक कुछ सुरक्षा और सम्मान मिलना चाहिए।
अदालत ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पुलिस महानिदेशकों (डीजीपी) को निर्देश दिया है कि वे हिरासत में लिए गए व्यक्तियों के कानूनी अधिकारों का कड़ाई से पालन करें। अदालत ने सभी डीजीपी से गिरफ्तारी संबंधी दिशा-निर्देशों का पालन करने का आग्रह किया। एक मामले की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ ने कहा कि पुलिस राज्य की एक महत्वपूर्ण इकाई है और इस बात पर जोर दिया कि समाज और व्यक्तियों की सुरक्षा के लिए पुलिस में जनता का विश्वास बनाए रखा जाना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा पुलिस द्वारा गिरफ्तारियों से संबंधित प्रस्तुत चेकलिस्ट पर सवाल उठाया और कहा कि चेकलिस्ट गंभीरता से तैयार नहीं की गई थी। एक व्यक्ति ने हरियाणा पुलिस पर उसे अवैध रूप से हिरासत में लेने और हिरासत में शारीरिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। इस संबंध में मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। याचिकाकर्ता के वकील ने अदालत को बताया कि पीड़िता के भाई ने उसी दिन सुबह करीब 11.24 बजे पुलिस अधीक्षक को ईमेल भेजकर अपने भाई की गिरफ्तारी की शिकायत की थी। इसके बाद रात करीब डेढ़ बजे एफआईआर दर्ज की गई। अदालत ने कहा कि पुलिस ने इस मामले में बिना किसी कारण के अत्यधिक बल का प्रयोग किया। प्रत्येक व्यक्ति के साथ निष्पक्ष एवं कानूनी व्यवहार किया जाना चाहिए। यदि भविष्य में ऐसी घटना घटित हुई तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।