नई दिल्ली – 26/11 के भीषण मुंबई आतंकी हमलों में अहम भूमिका निभाने वाला तहव्वुर हुसैन राणा भारत पहुंचने के बाद एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) की हिरासत में है। फिलहाल उन्हें दिल्ली के सीजीओ कॉम्प्लेक्स के उच्च सुरक्षा विंग में रखा गया है। हालाँकि, उनकी तीन ‘सरल’ मांगों ने भी जांच एजेंसियों को सतर्क कर दिया है। यद्यपि यह अनुरोध केवल कुरान, कलम और कागज के लिए है, लेकिन संदेह है कि इसके पीछे धार्मिक मुखौटे के नीचे एक छिपी रणनीति है। एनआईए के अधिकारी राणा की हर गतिविधि पर बारीकी से नजर रख रहे हैं।
दूसरे दिन की पूछताछ और तीन विशेष मांगें
एनआईए ने तहव्वुर राणा से दूसरे दिन भी घंटों पूछताछ की। पूछताछ के दौरान उसने कुछ विशेष मांगे बिना ही स्पष्ट रूप से तीन चीजें मांगीं – कुरान, एक कलम और कागज। पहली नज़र में यह मांग धार्मिक लग सकती है। लेकिन एनआईए सूत्रों के अनुसार राणा लगातार दिन में पांच बार नमाज पढ़ता है, कुरान पढ़ता है और कलम से कुछ न कुछ लिखता रहता है। इसका मतलब यह है कि उनके हाथ से लिखे हर शब्द को स्कैन किया जा रहा है। इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि इसमें कोई गुप्त कोड या पासवर्ड छिपा हो।
तहव्वुर राणा कौन है?
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आयु: 64 वर्ष
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नागरिकता: कनाडाई, मूलतः पाकिस्तान से
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भूमिका: 26/11 हमलों का मास्टरमाइंड, डेविड हेडली का करीबी सहयोगी
राणा और डेविड हेडली की जोड़ी 2006 से 2008 के बीच भारत में लश्कर-ए-तैयबा के लिए सूचनाएं जुटा रही थी। हेडली ने अपना ‘पेशेवर’ मुखौटा पहनकर मुंबई में विभिन्न स्थानों पर रेकी की थी। इस जानकारी का उपयोग करके आतंकवादियों ने 26 नवंबर 2008 को हमला किया जिसमें 166 लोग मारे गये। 2011 में अमेरिकी सरकार ने हेडली को दोषी ठहराया और राणा को गिरफ्तार कर लिया गया। भारत ने 2020 में राणा के प्रत्यर्पण का अनुरोध किया और अंततः उसे 10 अप्रैल, 2025 को भारत प्रत्यर्पित कर दिया गया।
धर्मपरायणता का मुखौटा या कोई नया षडयंत्र?
एनआईए अधिकारियों का कहना है कि राणा ‘शांत और धार्मिक’ प्रतीत होता है। हालांकि, सुरक्षा बल इसे नई साजिश का हिस्सा मान रहे हैं। इसमें जोखिम है कि उनकी मांगों के कारण कुछ निर्दोष दिखने वाले संकेत भी खतरनाक संकेतों में बदल सकते हैं। एनआईए पहले ही 20 से अधिक प्रश्न पूछ चुकी है, जिनमें दुबई में हुई संदिग्ध बैठकों, भारत में उनकी यात्रा का उद्देश्य तथा डेविड हेडली के साथ उनके संपर्क के बारे में प्रश्न शामिल हैं।
सतत निगरानी, 24×7 सुरक्षा और जांच में अगले कदम
राणा पर 24×7 कैमरों से नजर रखी जाती है। हर 48 घंटे में उनकी मेडिकल और कानूनी जांच की जा रही है। उनसे पूछताछ के हर जवाब, व्यवहार और लिखावट पर बारीकी से नजर रखी जा रही है। एनआईए के लिए यह महज एक जांच नहीं है, बल्कि भविष्य में संभावित आतंकवादी गतिविधियों को रोकने के लिए एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। राणा वर्तमान में जो कुछ भी लिख रहे हैं, यह पता लगाना अब प्राथमिकता बन गई है कि क्या वे प्रार्थना के शब्द हैं या किसी आसन्न हमले का संकेत हैं।
सरल मांगें या जटिलता का संकेत?
यद्यपि तहव्वुर राना द्वारा मांगी गई तीन चीजें – कुरान, कलम और कागज – सरल प्रतीत हो सकती हैं, लेकिन उनके उद्देश्य की गहराई भविष्य की जांच के माध्यम से स्पष्ट हो जाएगी। क्या ये पश्चाताप के आंसू हैं या किसी नई साजिश के बीज? एनआईए की जांच अगले कुछ दिनों में देश के सामने इसका जवाब लेकर आएगी।