ठाकरे-मनसे टकराव: मनसे-ठाकरे फिर आमने-सामने; मराठी के लिए मनसे का आंदोलन, उद्धव सेना का नया कदम

मुंबई:  मराठी भाषा के इस्तेमाल को लेकर मुंबई में एक बार फिर माहौल गरमा गया है और मनसे मराठी के इस्तेमाल को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रही है. मराठी बोलने को लेकर जहां विवाद की घटनाएं हुई हैं, वहीं उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (उद्धव समूह) ने अब एक अलग रुख अपनाया है और हिंदी भाषियों को अपने पक्ष में करने की कोशिश की है। उद्धव सेना प्रवक्ता आनंद दुबे द्वारा कांदिवली क्षेत्र में “आइए हम सब मिलकर मराठी सीखें” संदेश वाले बैनर लगाए गए हैं। “डरो मत, आओ मराठी सीखें” और “हम आपको मराठी भाषा सिखाएंगे” जैसी घोषणाएं करके मराठी शिक्षण कक्षाएं शुरू करने की अपील की गई है।

हालाँकि, इस पोस्टर में मराठी पाठ में व्याकरण संबंधी त्रुटियाँ पाई गई हैं। उदाहरण के लिए, “डरो मत” वाक्य के बाद प्रश्न चिह्न का प्रयोग अनुपयुक्त रूप से किया गया है। इसके अलावा, सही वाक्य, “आइए मराठी भाषा का सम्मान करें” के स्थान पर गलत वाक्य, “आइए मराठी भाषा का सम्मान करें” मुद्रित किया गया है। कांदिवली स्थित एयरटेल गैलरी में मराठी में बात कर रहे एक युवक से बहस करते हुए एक कर्मचारी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इस घटना के बाद मनसे ने आक्रामक रुख अपनाते हुए विरोध प्रदर्शन किया और एयरटेल को चेतावनी भी दी।

इसी तरह, एक हिंदी भाषी सुरक्षा गार्ड के इस बयान से स्थिति और बिगड़ गई कि “मराठी तेल डालने की जगह है।” ऐसी खबरें हैं कि इस घटना के बाद मनसे कार्यकर्ताओं ने संबंधित सुरक्षा गार्ड की पिटाई कर दी। फिलहाल मनसे विभिन्न बैंकों में जाकर मराठी भाषा के उपयोग को लेकर ज्ञापन दे रही है, लेकिन कुछ स्थानों पर प्रवासी कर्मचारियों के साथ विवाद की घटनाएं भी सामने आ रही हैं।

इस पृष्ठभूमि में, उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने मनसे की भूमिका को चुनौती देने के प्रयास में कांदिवली क्षेत्र में “मराठी भाषा शिक्षण वर्ग” शुरू करने की घोषणा करते हुए बैनर लगाए हैं। इन पोस्टरों में “आइये हम सब मिलकर मराठी सीखें” का संदेश दिया गया है, लेकिन इनमें कुछ व्याकरण संबंधी त्रुटियां भी पाई गई हैं, जिससे नई चर्चाएं शुरू हो गई हैं।

मराठी भाषा के इस्तेमाल को लेकर चल रहे आंदोलन की पृष्ठभूमि में उद्योग मंत्री उदय सामंत ने मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे से उनके शिवतीर्थ आवास पर मुलाकात की। इस बैठक में मराठी भाषा और मराठी लोगों के खिलाफ हो रहे अन्याय के मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई। सामंत ने स्पष्ट किया कि इस चर्चा में उठाए गए मुद्दों की जानकारी मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को दी जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि राज ठाकरे द्वारा दिए गए सुझावों पर विचार कर आवश्यक सुधार करने का प्रयास किया जाएगा। मराठी भाषा का सम्मान बनाए रखना राज्य सरकार का प्राथमिक कर्तव्य बताते हुए सामंत ने अगले 8 से 10 दिनों में सभी जिला कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों की बैठक की घोषणा की। इस बैठक में मराठी भाषा के उपयोग के संबंध में रणनीतिक निर्णय लिए जाने की संभावना है।