अमेरिका ने दुनिया के सभी देशों के लिए टैरिफ की घोषणा की है। टैरिफ की घोषणा करते हुए ट्रम्प ने कहा कि अमेरिका जिस मुक्ति के दिन का लंबे समय से इंतजार कर रहा था, वह आज आ गया है। ट्रम्प ने भारत पर 26 प्रतिशत टैरिफ लगाया है। ट्रंप ने अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा का भी जिक्र किया।
ट्रम्प ने टैरिफ की घोषणा की
ट्रम्प की घोषणा के अनुसार भारत से अमेरिका आने वाले सामानों पर 26 प्रतिशत टैरिफ लगाया जाएगा। चीन से आयात पर 34 प्रतिशत टैरिफ लगाया गया है। इससे साफ पता चलता है कि यह कदम चीन के साथ बढ़ते व्यापार घाटे को कम करने के लिए उठाया गया है। इसके अलावा ट्रंप प्रशासन ने वियतनाम से आयातित वस्तुओं पर 46 प्रतिशत टैरिफ लगाने का फैसला किया है, जो सबसे अधिक दरों में से एक है। यूरोपीय संघ पर 20 प्रतिशत, स्विट्जरलैंड पर 31 प्रतिशत और ताइवान पर 32 प्रतिशत टैरिफ लगाया जाएगा। यूनाइटेड किंगडम से आयात पर केवल 10 प्रतिशत टैरिफ लगाया गया है, जो संभवतः राजनीतिक और आर्थिक संबंधों में स्थिरता के कारण है।
विभिन्न देशों पर लगाए गए टैरिफ
ट्रम्प ने स्विट्जरलैंड पर 31 प्रतिशत, ताइवान पर 32 प्रतिशत, जापान पर 24 प्रतिशत, ब्रिटेन पर 10 प्रतिशत, ब्राजील पर 10 प्रतिशत, इंडोनेशिया पर 32 प्रतिशत, सिंगापुर पर 10 प्रतिशत और दक्षिण अफ्रीका पर 30 प्रतिशत टैरिफ लगाया है। उन्होंने विदेश से आयातित ऑटोमोबाइल पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाया है, साथ ही ऑटो पार्ट्स पर भी समान टैरिफ लगाने की घोषणा की है। ऑटोमोबाइल पर नया टैरिफ 3 अप्रैल से और ऑटो पार्ट्स पर नया टैरिफ 3 मई से लागू होगा। इसके अलावा बांग्लादेश पर 37 प्रतिशत, पाकिस्तान पर 29 प्रतिशत, श्रीलंका पर 44 प्रतिशत और इजरायल पर 17 प्रतिशत टैरिफ लगाया गया है।
अमेरिका ने भारत पर 26 प्रतिशत रियायती पारस्परिक शुल्क लगाने की घोषणा की है। डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, ‘भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में अमेरिका का दौरा किया था। वह मेरा बहुत अच्छा दोस्त है। लेकिन इस मुलाकात के दौरान मैंने प्रधानमंत्री मोदी से कहा कि आप हमारे साथ सही व्यवहार नहीं कर रहे हैं। भारत हमेशा अमेरिका से 52 प्रतिशत टैरिफ वसूलता है। इसलिए हम उनसे 26 प्रतिशत टैरिफ का आधा शुल्क लेंगे।
टैरिफ का क्या प्रभाव पड़ेगा?
रियायती पारस्परिक टैरिफ का सबसे बुरा प्रभाव कपड़ा उद्योग और आभूषण क्षेत्र पर पड़ सकता है।
2023-24 में भारत के लगभग 36 बिलियन डॉलर (लगभग 3 लाख करोड़ रुपये) के कपड़ा निर्यात में अमेरिका की हिस्सेदारी 28% थी, जो कि लगभग 10 बिलियन डॉलर (लगभग 85,600 करोड़ रुपये) थी। वर्ष दर वर्ष इस क्षेत्र में अमेरिका के साथ भारतीय व्यापार में वृद्धि देखी गयी है। 2016-17 और 2017-18 में कुल कपड़ा निर्यात में अमेरिका की हिस्सेदारी 21 प्रतिशत थी, जो 2019-20 में बढ़कर 25 प्रतिशत और 2022-23 में 29 प्रतिशत हो गई।