ट्रंप टैरिफ वॉर: भारत पर अमेरिकी टैरिफ अब 26 प्रतिशत, पहले बताया गया था 27 प्रतिशत

ट्रंप टैरिफ वॉर: भारत पर अमेरिकी टैरिफ अब 26 प्रतिशत, पहले बताया गया था 27 प्रतिशत
ट्रंप टैरिफ वॉर: भारत पर अमेरिकी टैरिफ अब 26 प्रतिशत, पहले बताया गया था 27 प्रतिशत

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति को लेकर एक बार फिर विवाद खड़ा हो गया है। व्हाइट हाउस की ओर से जारी एक आधिकारिक दस्तावेज में यह स्पष्ट किया गया है कि भारत पर लगने वाला टैरिफ 26 प्रतिशत होगा। हालांकि, इससे पहले इसे 27 प्रतिशत बताया जा रहा था। यह नई दर 9 अप्रैल से लागू की जाएगी।

ट्रंप प्रशासन की ओर से कुछ दिनों पहले जारी एक चार्ट में भारत समेत चीन, ब्रिटेन और यूरोपीय संघ जैसे देशों पर लगने वाली नई टैरिफ दरों का जिक्र किया गया था। भारत को “मुद्रा हेरफेर और व्यापार बाधाओं” के आरोपों के साथ इस सूची में शामिल किया गया।

टैरिफ में बदलाव: 27 से घटाकर 26 प्रतिशत

पहले जारी दस्तावेजों में भारत पर 27 प्रतिशत टैरिफ लगाए जाने की बात थी, लेकिन हालिया अपडेट के अनुसार अब यह 26 प्रतिशत कर दिया गया है।

  • विशेषज्ञों का मानना है कि 1 प्रतिशत की कमी से भारत पर बहुत अधिक प्रभाव नहीं पड़ेगा, लेकिन यह नीति की गंभीरता और व्यापारिक रिश्तों की दिशा जरूर दिखाती है।

भारत-अमेरिका व्यापार संबंध: अहम आंकड़े

अमेरिका, वित्तीय वर्ष 2021-22 से 2023-24 तक भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार रहा है।

  • भारत के कुल निर्यात में अमेरिका की हिस्सेदारी 18 प्रतिशत के आसपास रही।

  • आयात में अमेरिका की हिस्सेदारी 6.22 प्रतिशत रही।

  • द्विपक्षीय व्यापार का हिस्सा 10.73 प्रतिशत रहा।

2023-24 में भारत का व्यापार अधिशेष (निर्यात और आयात का अंतर) अमेरिका के साथ 35.32 अरब डॉलर था।
यह पिछले वर्षों में इस प्रकार रहा:

  • 2022-23: 27.7 अरब डॉलर

  • 2021-22: 32.85 अरब डॉलर

  • 2020-21: 22.73 अरब डॉलर

  • 2019-20: 17.26 अरब डॉलर

भारत का अमेरिका को प्रमुख निर्यात (2024)

  1. औषधि व जैविक उत्पाद: 8.1 अरब डॉलर

  2. दूरसंचार उपकरण: 6.5 अरब डॉलर

  3. कीमती व अर्ध-कीमती पत्थर: 5.3 अरब डॉलर

  4. पेट्रोलियम उत्पाद: 4.1 अरब डॉलर

  5. सोना व कीमती धातुओं के आभूषण: 3.2 अरब डॉलर

  6. सूती वस्त्र व परिधान: 2.8 अरब डॉलर

  7. लोहा व इस्पात के उत्पाद: 2.7 अरब डॉलर


भारत का अमेरिका से प्रमुख आयात (2024)

  1. कच्चा तेल: 4.5 अरब डॉलर

  2. पेट्रोलियम उत्पाद: 3.6 अरब डॉलर

  3. कोयला व कोक: 3.4 अरब डॉलर

  4. कटे व पॉलिश किए हीरे: 2.6 अरब डॉलर

  5. इलेक्ट्रिक मशीनरी: 1.4 अरब डॉलर

  6. विमान व स्पेस पार्ट्स: 1.3 अरब डॉलर

  7. सोना: 1.3 अरब डॉलर

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