नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 2 अप्रैल को भारत समेत कई देशों पर टैरिफ बम गिराने वाले हैं। इससे वैश्विक स्तर पर व्यापार युद्ध शुरू होने की संभावना है। ट्रम्प का दावा है कि टैरिफ से अमेरिका को लगभग 100 बिलियन डॉलर का लाभ होगा। ट्रम्प ने सबसे पहले कनाडा, मैक्सिको और चीन पर टैरिफ लगाया, जिसके कारण इन देशों ने ट्रम्प के साथ टकराव मोल ले लिया। दूसरी ओर, भारत ने ट्रम्प के साथ व्यापार युद्ध से बचने का विकल्प चुना है, इसलिए अब ट्रम्प ने संकेत दिया है कि जब 2 अप्रैल से दुनिया भर में पारस्परिक टैरिफ लागू होने लगेंगे, तो अमेरिका भारत को चीन, कनाडा और मैक्सिको की श्रेणी में नहीं रखेगा और उसे एक अलग टैरिफ श्रेणी में रखेगा।
भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता सुचारू रूप से आगे बढ़ रही है, लेकिन अमेरिका के पारस्परिक टैरिफ की 2 अप्रैल की समय सीमा से पहले गतिरोध के समाधान का कोई संकेत नहीं है। सूत्रों ने बताया कि अमेरिका नए टैरिफ ढांचे को चरणबद्ध तरीके से लागू कर सकता है और उच्च मांग वाले सामानों पर टैरिफ में कमी कर सकता है। अमेरिका का यह प्रयास भारत को कुछ क्षेत्रों में बड़ी राहत प्रदान कर सकता है। दोनों देशों के बीच चल रही बातचीत से अगले तीन दिनों में नए समझौते की रूपरेखा को अंतिम रूप दिया जा सकता है।
बाद में डोनाल्ड ट्रम्प ने चीन पर लगाए गए 10 प्रतिशत टैरिफ को बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर दिया। इतना ही नहीं, उसने 1 फरवरी से मैक्सिको और कनाडा पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा की, जिसके बाद जवाबी कार्रवाई में चीन, कनाडा और मैक्सिको ने भी अमेरिकी वस्तुओं पर उच्च टैरिफ लगाने की घोषणा की। ऐसे समय में ट्रम्प ने भारत के प्रति आक्रामक रवैया अपनाया है।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर चर्चा के लिए भारतीय अधिकारियों ने अमेरिकी अधिकारियों के साथ अपनी पहली व्यक्तिगत बैठक की है। खास बात यह है कि यह बैठक 2 अप्रैल की समयसीमा से पहले हुई। इस बैठक में कहा गया कि ट्रंप प्रशासन भारत को चीन, मैक्सिको और कनाडा जैसे देशों से नहीं जोड़ता है। इसका कारण यह है कि अमेरिका को चीन, मैक्सिको और कनाडा के साथ मुद्रा हेरफेर, अवैध यात्रा और कई अन्य सुरक्षा चिंताओं को लेकर गंभीर समस्याएं हैं। दूसरी ओर, अमेरिका को केवल भारत के साथ टैरिफ विवाद सुलझाना है, जिसे दोनों देशों के अधिकारी सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझा रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार, भारत पहले ही उन उत्पादों के बारे में संकेत दे चुका है जिन पर वह ट्रंप के साथ व्यापार युद्ध से बचने के लिए टैरिफ कम करने को तैयार है। इसमें अमेरिका से आने वाले इलेक्ट्रिक वाहन, ऑटोमोबाइल, बाइक और वाइन-अल्कोहल के साथ-साथ अमेरिका से आने वाले कुछ अन्य कृषि उत्पाद भी शामिल हैं।