जमीन या मकान खरीदने से पहले ज़रूर जांच लें ये ज़रूरी दस्तावेज, नहीं तो हो सकते हैं ठगी का शिकार

जमीन या मकान खरीदने से पहले ज़रूर जांच लें ये ज़रूरी दस्तावेज, नहीं तो हो सकते हैं ठगी का शिकार
जमीन या मकान खरीदने से पहले ज़रूर जांच लें ये ज़रूरी दस्तावेज, नहीं तो हो सकते हैं ठगी का शिकार

हाल के वर्षों में कई ऐसे मामले सामने आए हैं जहां एक ही जमीन की दो या तीन बार रजिस्ट्री कर दी गई। ऐसे मामलों में पीड़ित व्यक्ति को लंबे समय तक कोर्ट के चक्कर लगाने पड़ते हैं और आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ता है। अगर आप कोई प्लॉट या मकान खरीदने की योजना बना रहे हैं तो ज़रूरी है कि पहले उसके सभी दस्तावेजों की पूरी तरह से जांच करें।

यहां हम आपको बताएंगे कि कैसे जमीन की रजिस्ट्री में फर्जीवाड़ा होता है और उससे बचने के लिए कौन-कौन से दस्तावेज देखने जरूरी हैं।

एक ही जमीन पर दो या तीन रजिस्ट्री कैसे हो जाती हैं?

  • गांव और शहर में जमीन की रजिस्ट्री प्रक्रिया अलग-अलग होती है।
  • खासतौर पर शहरों में जब कोई विक्रेता बड़ी जमीन खरीदकर उसकी प्लॉटिंग करता है, तब फर्जीवाड़े की शुरुआत होती है।
  • कई बार प्लॉट का म्यूटेशन नहीं कराया जाता, जिससे पुराने मालिक का नाम खतौनी में बना रहता है।
  • ऐसे में एक ही गाटा नंबर की जमीन को दूसरे या तीसरे खरीदार को फिर से बेचा जा सकता है।

फर्जीवाड़ा कैसे होता है?

  • जमीन की रजिस्ट्री के बाद अगला और सबसे ज़रूरी कदम होता है दाखिल-खारिज (म्यूटेशन)।
  • यदि खरीदार यह प्रक्रिया समय पर नहीं करता, तो पुराना मालिक ही खतौनी में दर्ज रहता है।
  • इस स्थिति में एक ही जमीन को बार-बार बेचा जा सकता है, और अगला खरीदार धोखा खा जाता है।
  • इस प्रक्रिया को रोकने के लिए ज़रूरी है कि रजिस्ट्री के दो से तीन महीने के भीतर म्यूटेशन करवा लिया जाए।

जरूरी दस्तावेज: गाटा नंबर और खतौनी

  • हर जमीन का एक गाटा नंबर होता है, जो उसका राजस्व रिकॉर्ड होता है।
  • चाहे जमीन को कई हिस्सों में बांट दिया जाए, गाटा नंबर वही रहता है।
  • इसी गाटा नंबर की मदद से आप खतौनी में देख सकते हैं कि जमीन का मालिक कौन है।

खतौनी कहां और कैसे देखें?

पहले खतौनी देखने के लिए राजस्व विभाग के दफ्तर जाना पड़ता था, लेकिन अब यह सुविधा ऑनलाइन उपलब्ध है।

  • राज्य सरकार की भूलेख या भू-अभिलेख वेबसाइट पर जाकर आप गाटा नंबर डालकर खतौनी की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
  • इससे यह स्पष्ट हो जाता है कि जमीन किसके नाम पर दर्ज है और उसमें कोई विवाद तो नहीं है।

जमीन खरीदते समय इन बातों का रखें ध्यान:

  1. प्लॉट रजिस्ट्री से पहले गाटा नंबर और खतौनी की जानकारी ज़रूर देखें।
  2. जमीन खरीदने के बाद समय पर म्यूटेशन जरूर कराएं, ताकि आप कानूनी तौर पर उसके मालिक बन जाएं।
  3. यदि बिल्डर से प्लॉट ले रहे हैं, तो यह जांच लें कि गाटा नंबर वैध है और उस पर पहले से कोई रजिस्ट्री तो नहीं हुई।
  4. रजिस्ट्रार ऑफिस से जाकर रजिस्ट्री से जुड़ी जानकारी की जांच करें।
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