चैत्र नवरात्रि 2025 की शुरुआत रविवार, 30 मार्च से होगी। इस दिन भक्तजन पहला व्रत रखेंगे और कलश स्थापना कर पूजन की शुरुआत करेंगे। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, नवरात्रि के प्रथम दिन कलश की स्थापना शुभ मुहूर्त में करनी चाहिए, क्योंकि यह तीर्थों और देवी-देवताओं का प्रतीक माना जाता है।
कलश स्थापना का महत्व
कलश के विभिन्न भागों में त्रिदेवों और मातृ शक्तियों का वास माना जाता है:
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मुख भाग में भगवान विष्णु
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कंठ भाग में भगवान शिव
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मूल भाग में भगवान ब्रह्मा
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मध्य भाग में सभी मातृ शक्तियों का निवास
इसलिए, कलश स्थापना के साथ देवी-देवताओं का आह्वान किया जाता है और पूरे नौ दिनों तक श्रद्धा व भक्ति से मां दुर्गा की पूजा की जाती है।
कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त (Navratri 2025 Kalash Sthapana Muhurat)
प्रथम शुभ मुहूर्त: सुबह 06:13 से 10:22 (अवधि: 4 घंटे 08 मिनट)
द्वितीय शुभ मुहूर्त (अभिजित मुहूर्त): दोपहर 12:01 से 12:50 (अवधि: 50 मिनट)
प्रतिपदा तिथि का समय:
प्रारंभ: 29 मार्च 2025, शाम 04:27 बजे
समाप्त: 30 मार्च 2025, दोपहर 12:49 बजे
चैत्र नवरात्रि पूजा विधि (Navratri Puja Vidhi)
1. सुबह स्नान कर मंदिर की सफाई करें।
2. शुभ मुहूर्त में विधिवत कलश स्थापना करें।
3. मां दुर्गा का गंगाजल से अभिषेक करें।
4. मां को अक्षत, लाल चंदन, चुनरी, सफेद और लाल पुष्प अर्पित करें।
5. देवी-देवताओं का जलाभिषेक कर फल, फूल और तिलक अर्पित करें।
6. माता को भोग स्वरूप फल और मिठाई चढ़ाएं।
7. घर के मंदिर में धूपबत्ती और घी का दीपक जलाएं।
8. दुर्गा सप्तशती या दुर्गा चालीसा का पाठ करें।
9. पान के पत्ते पर कपूर और लौंग रखकर माता की आरती करें।
10. अंत में मां दुर्गा से अपनी गलतियों की क्षमा याचना करें।
इस चैत्र नवरात्रि में मां दुर्गा की कृपा पाने के लिए श्रद्धा व भक्ति से पूजा करें और अपने परिवार के सुख-समृद्धि की कामना करें।