चैत्र नवरात्रि 2025: अंबाजी में भक्तों की भारी भीड़, जय अम्बे के जयकारों से गूंजा मंदिर

चैत्र नवरात्रि कल से शुभ रूप से शुरू हो गई है। यह चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की वासंतिक नवरात्रि है, चैत्र नवरात्रि से हिंदू नववर्ष की शुरुआत होती है। चैत्री नवरात्रि के पहले दिन अंबाजी मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गई। नवरात्रि का पहला दिन श्रद्धा और विश्वास के साथ मनाया गया। भक्तगण अंबाजी मंदिर में मंगला आरती मनाते देखे गए। सुबह मंगला आरती में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया।

 

स्थापना समारोह शस्त्र समारोह के माध्यम से पूरा किया गया।

कल अंबाजी मंदिर में मंगला आरती के बाद घट की स्थापना की गई। 51 शक्तिपीठों में से एक और आद्यशक्ति पीठ के नाम से विख्यात इस मंदिर परिसर में इस अवसर पर वातावरण “बोल मारी अम्बे, जय जय अम्बे” के जयकारों से गूंज उठा। मंदिर के भट्टजी महाराज द्वारा मंगला आरती की गई। नवरात्रि के शुभारंभ के अवसर पर अंबाजी प्रशासक एवं अतिरिक्त कलेक्टर कौशिक मोदी ने कहा कि अंबाजी में भट्टजी महाराज एवं पंडितों की उपस्थिति में शास्त्र अनुष्ठान के माध्यम से शिलान्यास समारोह संपन्न हुआ है। मां अम्बा के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में भक्तगण अम्बाजी आये। उन्होंने कहा कि विश्व कल्याण के उद्देश्य से सभी अनुष्ठान पूरे किए गए हैं। नवरात्रि के दौरान श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी न हो, इसके लिए प्रशासन द्वारा विशेष प्रबंध किए गए हैं।

बीज बोकर सघन स्थापना समारोह पूरा हो गया है।

इस अवसर पर भट्टजी महाराज भरतभाई पाढिया ने बताया कि मंदिर से तीन किलोमीटर दूर स्थित सरस्वती नदी से पवित्र जल लाकर शास्त्रों के अनुसार सात प्रकार के अनाज बोकर घट स्थापना विधि पूर्ण की गई। सरस्वती नदी के जल का उपयोग पूजा के लिए किया जाता है, जिससे यह परंपरा आगे बढ़ी है। उन्होंने विश्व कल्याण के लिए श्रद्धालुओं को समृद्ध नववर्ष की शुभकामनाएं दीं।

चैत्र नवरात्रि के लिए अंबाजी मंदिर को रंग-बिरंगे फूलों से सजाया गया है।

इस बार चैत्री नवरात्रि आठ दिन की है। पूरा परिसर “बोल मारी अम्बे जय जय अम्बे” की ध्वनि से गूंज उठा। चैत्री नवरात्रि के प्रथम दिन माताजी के दर्शन व आरती का लाभ लेकर श्रद्धालुओं ने स्वयं को धन्य महसूस किया। मंदिर परिसर में हवन, आरती और शक्ति पूजन के अनुष्ठान से माहौल भक्तिमय हो गया। माताजी के चाचर चौक पर जय अम्बे का अखंड जाप शुरू किया गया। भक्तों ने आरती की, फूल चढ़ाए, आभूषणों से सुसज्जित हुए और देवी के चरणों में विशेष प्रार्थना की। अरासुरी अंबाजी देव स्थान ट्रस्ट ने नवरात्रि के लिए आरती और दर्शन के समय में परिवर्तन किया है।