चैत्र नवरात्रि शुरू, इस दौरान करें 10 नियमों का पालन, नहीं तो व्रत-पूजा हो जाएगी निष्फल

चैत्र नवरात्रि शुरू, इस दौरान करें 10 नियमों का पालन, नहीं तो व्रत-पूजा हो जाएगी निष्फल
चैत्र नवरात्रि शुरू, इस दौरान करें 10 नियमों का पालन, नहीं तो व्रत-पूजा हो जाएगी निष्फल

चैत्र नवरात्रि का पर्व हिंदू धर्म में एक विशेष महत्व रखता है। यह पर्व देवी दुर्गा की पूजा का पर्व है और इसे खास तौर पर शक्ति और समृद्धि की देवी के रूप में मनाया जाता है। नवरात्रि के दौरान श्रद्धालु विशेष रूप से उपवास रखते हैं और देवी की आराधना करते हैं, ताकि उनके जीवन में सुख, समृद्धि और शांति आए। लेकिन अगर आप इस दौरान व्रत और पूजा करना चाहते हैं, तो कुछ खास नियमों का पालन करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। इन नियमों का उल्लंघन करने से आपकी पूजा और व्रत का फल निष्फल हो सकता है।

आइए जानते हैं उन 10 जरूरी नियमों के बारे में, जिनका पालन नवरात्रि के दौरान करना चाहिए:

1. व्रत के दौरान शुद्धता का ध्यान रखें

चैत्र नवरात्रि के व्रत में शुद्धता का विशेष ध्यान रखना जरूरी है। यह शुद्धता केवल शारीरिक नहीं बल्कि मानसिक और आत्मिक भी होनी चाहिए। व्रत के दौरान आपको किसी भी प्रकार की गंदगी से बचने का प्रयास करना चाहिए। किसी भी प्रकार के अपवित्र विचार, शब्द और कर्म से दूर रहना चाहिए, ताकि आपकी पूजा का फल सर्वोत्तम हो।

2. झूठ बोलने से बचें

नवरात्रि के दौरान झूठ बोलना व्रत के नियमों के खिलाफ माना जाता है। यह समय आपके सत्य बोलने और शुद्ध आचार-व्यवहार का है। इस समय हर कार्य को सही तरीके से और सच्चाई के साथ करना चाहिए। झूठ बोलने से न केवल आपकी पूजा में विघ्न उत्पन्न होते हैं, बल्कि आपकी आत्मिक शांति भी प्रभावित होती है।

3. माता का विशेष ध्यान रखें

नवरात्रि के व्रत के दौरान माता दुर्गा की पूजा के साथ-साथ उनका सम्मान भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। पूजा करते समय आपको देवी के प्रति श्रद्धा और सम्मान का भाव रखना चाहिए। यदि आप देवी के पूजा में लापरवाही करते हैं या उनका अपमान करते हैं, तो पूजा का फल सही नहीं मिलेगा।

4. व्रत के नियमों का पालन करें

व्रत के दौरान आपको सही तरीके से नियमों का पालन करना चाहिए। यह जरूरी है कि आप भोजन और आहार की शुद्धता पर ध्यान दें और केवल उपवास रखने के लिए निर्धारित आहार ही ग्रहण करें। व्रत के दौरान किसी भी प्रकार के तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए। फलाहार, साधारण भोजन या फिर सिर्फ पानी पीना उपयुक्त रहता है।

5. समय का पालन करें

नवरात्रि के दौरान पूजा और व्रत के लिए विशेष समय निर्धारित किया जाता है। इसका पालन करना अनिवार्य है। पूजा का समय, व्रत के दौरान प्रार्थना और जाप का समय सभी का एक निश्चित समय होता है, जिसे हमें पूरी श्रद्धा से पालन करना चाहिए। यदि आप समय पर पूजा नहीं करते हैं, तो उसका प्रभाव आपकी पूजा पर पड़ेगा।

6. शरीर और मन की शांति बनाए रखें

नवरात्रि के दौरान आपको मानसिक शांति बनाए रखने का प्रयास करना चाहिए। तनाव और चिंता से दूर रहना चाहिए। पूजा के दौरान मन को शांत रखना बहुत जरूरी है, क्योंकि मानसिक अशांति पूजा और व्रत के प्रभाव को कम कर सकती है। ध्यान और साधना से आप मानसिक शांति प्राप्त कर सकते हैं, जो पूजा के प्रभाव को बढ़ाएगा।

7. रात्रि जागरण करें

नवरात्रि के दौरान रात्रि जागरण का महत्व बहुत अधिक है। विशेष रूप से नौवीं रात को देवी की उपासना करते हुए रात्रि जागरण किया जाता है। यह एक शुभ संकेत होता है और इसे श्रद्धा भाव से किया जाना चाहिए। यदि आप रात को जागरण नहीं करते हैं या पूजा में लापरवाही बरतते हैं, तो उसका नकारात्मक प्रभाव आपके व्रत पर पड़ सकता है।

8. मांसाहार और मदिरा का सेवन न करें

चैत्र नवरात्रि में मांसाहार, मदिरा और तामसिक भोजन से पूरी तरह से परहेज करना चाहिए। इन पदार्थों का सेवन करने से आपकी पूजा का प्रभाव नकारात्मक हो सकता है। व्रत के दौरान शुद्ध और सात्विक आहार का सेवन करना चाहिए, ताकि आपकी पूजा का फल आपके जीवन में सकारात्मक रूप से आए।

9. संयमित वाणी का प्रयोग करें

नवरात्रि के दौरान आपको अपनी वाणी पर नियंत्रण रखना चाहिए। इस समय वाणी से गाली-गलौज, झूठ बोलने और निंदा करने से बचना चाहिए। अपनी वाणी से केवल सकारात्मक और शुभ बातों का उच्चारण करें, ताकि आपकी पूजा का प्रभाव सही दिशा में हो।

10. सकारात्मक सोच रखें

नवरात्रि के दौरान सबसे जरूरी बात यह है कि आपकी सोच सकारात्मक होनी चाहिए। नकारात्मक विचारों को छोड़कर केवल शुभ और अच्छे विचारों को अपनाना चाहिए। आपकी सोच का सीधा असर आपकी पूजा और व्रत पर पड़ेगा। यदि आप सकारात्मक सोच रखते हैं, तो आपको मानसिक और भौतिक दोनों प्रकार के लाभ होंगे।

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