
ग्रहण और गोचर का विशेष योग
साल 2025 की चैत्र अमावस्या पर एक खास संयोग बन रहा है। इस दिन शनि अमावस्या के साथ-साथ वर्ष का पहला सूर्य ग्रहण लग रहा है। इसके साथ ही शनि ग्रह मीन राशि में गोचर कर रहे हैं और आगामी ढाई वर्षों तक इसी राशि में रहेंगे। सूर्य ग्रहण दोपहर 2 बजकर 21 मिनट से शुरू होकर शाम 6 बजकर 14 मिनट पर समाप्त होगा। भले ही यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, लेकिन इसका प्रभाव जरूर रहेगा। ग्रहण भारत में दृश्य न होने के कारण इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा।
शनि अमावस्या पर न करें ये कार्य
इस दिन ग्रहों की स्थिति अशुभ मानी जा रही है। इसलिए कुछ विशेष कार्यों से बचने की सलाह दी गई है:
1. नए कार्य की शुरुआत से बचें
शनि अमावस्या और सूर्य ग्रहण के कारण इस दिन कोई भी नया या शुभ कार्य शुरू नहीं करना चाहिए। जैसे कि नया व्यवसाय, घर निर्माण, पूजा-पाठ या धार्मिक अनुष्ठान आदि।
2. विवाह या सगाई से जुड़े कार्य न करें
हालांकि खरमास के चलते शादियों का समय नहीं है, फिर भी इस दिन शादी या सगाई से संबंधित किसी काम जैसे कपड़ों या आभूषणों की खरीदारी, कार्ड वितरण जैसे कार्यों से बचना चाहिए।
3. बाल और नाखून न काटें
शनिवार को बाल और नाखून काटना पहले से ही अशुभ माना जाता है। शनि अमावस्या पर तो विशेष रूप से इस कार्य से परहेज करना चाहिए, क्योंकि इससे शनि की नाराजगी का भय होता है।
4. मांस और शराब से परहेज करें
जिन लोगों की कुंडली में शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या चल रही हो, उन्हें मांसाहार और मदिरा से पूरी तरह बचना चाहिए। खासकर इस दिन इनका सेवन करने से शनि और पितरों की नाराजगी हो सकती है, जिससे जीवन में परेशानियां बढ़ सकती हैं।
5. विवाद से बचें
अमावस्या और सूर्य ग्रहण के समय मानसिक तनाव और चिड़चिड़ापन बढ़ सकता है। इसलिए आज के दिन सभी से विनम्रता और संयम से बात करें। किसी से झगड़ा न करें, अपशब्द न कहें और किसी का अपमान न करें।
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