गर्मियों में हरी मटर नहीं मिल रही? पीली मटर है एक सस्ता, सेहतमंद और बढ़िया विकल्प

 

गर्मियों में हरी मटर नहीं मिल रही? पीली मटर है एक सस्ता, सेहतमंद और बढ़िया विकल्प
गर्मियों में हरी मटर नहीं मिल रही? पीली मटर है एक सस्ता, सेहतमंद और बढ़िया विकल्प

गर्मियों के मौसम में ताजी हरी मटर आसानी से नहीं मिलती और बाजार में मिलने वाली फ्रोजन मटर पोषण की दृष्टि से कमतर और कई बार सेहत के लिए हानिकारक मानी जाती है। ऐसे में एक बेहतर विकल्प है पीली मटर, जिसे सूखी मटर या पीली दाल के नाम से भी जाना जाता है।

यह न केवल किफायती होती है, बल्कि पोषक तत्वों से भरपूर भी होती है। भारतीय रसोई में इसका उपयोग अक्सर दाल, सूप या सब्जी के रूप में किया जाता है। आइए जानते हैं कि पीली मटर को अपने आहार में क्यों शामिल करना चाहिए।

1. प्रोटीन का अच्छा स्रोत

पीली मटर में प्रोटीन भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जो विशेष रूप से शाकाहारी लोगों के लिए मांस का बेहतर विकल्प बनता है।

  • यह मांसपेशियों को मजबूत करता है
  • शरीर की मरम्मत और विकास में मदद करता है
  • बच्चों और बुजुर्गों दोनों के लिए फायदेमंद होता है

2. पाचन क्रिया में सहायक

इसमें मौजूद डायटरी फाइबर पाचन को बेहतर बनाता है और कब्ज जैसी समस्याओं को दूर करता है।

  • आंतों को साफ रखता है
  • पेट की समस्याओं जैसे गैस, ब्लोटिंग में राहत देता है
  • पाचन तंत्र को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है

3. हृदय स्वास्थ्य के लिए लाभकारी

पीली मटर में पोटैशियम, मैग्नीशियम और फाइबर जैसे तत्व पाए जाते हैं, जो:

  • कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करते हैं
  • ब्लड प्रेशर को संतुलित रखते हैं
  • दिल की बीमारियों के खतरे को कम करने में सहायक होते हैं

4. वजन नियंत्रण में मददगार

इसमें कैलोरी कम और फाइबर अधिक होता है, जो वजन कम करने की दिशा में प्रभावी साबित होता है।

  • लंबे समय तक पेट भरा हुआ महसूस होता है
  • बार-बार भूख नहीं लगती
  • ओवरईटिंग से बचाव होता है
  • हेल्दी डाइट फॉलो करने वालों के लिए उपयुक्त विकल्प

5. ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में सहायक

पीली मटर का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जिससे यह ब्लड शुगर को तेजी से बढ़ने से रोकती है।

  • इसमें मौजूद फाइबर और प्रोटीन इंसुलिन सेंसिटिविटी को सुधारते हैं
  • डायबिटीज के मरीजों के लिए यह एक सुरक्षित और पौष्टिक खाद्य पदार्थ है

वतन प्रेम योजना: गुजरात के गांवों में प्रवासी भारतीयों के सहयोग से हो रहा विकास