
देशभर में गर्मी का असर तेज़ हो गया है। चिलचिलाती धूप, लू और उमस से लोग पहले ही परेशान हैं, लेकिन अब एक और स्वास्थ्य समस्या सामने आ रही है। कई जगहों पर लोग आंखों में खुजली, नाक बहना, लगातार छींक आना और नाक बंद होने जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं। ये लक्षण आमतौर पर सर्दियों में देखे जाते हैं, लेकिन गर्मी के मौसम में इनके अचानक बढ़ने से लोग भ्रमित हैं कि आखिर इसके पीछे कारण क्या है।
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एलर्जी है या वायरल संक्रमण?
विशेषज्ञों का कहना है कि यह समस्या वायरल नहीं, बल्कि एलर्जी है। बहुत से लोग गले में खराश या नाक से जुड़ी तकलीफों को वायरल समझ लेते हैं, लेकिन अगर बुखार, बदन दर्द और थकावट जैसे लक्षण नहीं हैं, तो संभावना है कि यह एलर्जी हो।
किस प्रकार की है ये एलर्जी?
विशेषज्ञों के अनुसार, आंखों में जलन, नाक बहना, छींक आना और नाक बंद होना रेस्पिरेटरी एलर्जी के सामान्य लक्षण हैं। वायरल संक्रमण में आमतौर पर बुखार और बदन दर्द भी होता है, जबकि एलर्जी में ये लक्षण लंबे समय तक बने रहते हैं, लेकिन बुखार नहीं होता।
एलर्जी होने के कारण
यह एलर्जी आमतौर पर दो स्रोतों से होती है:
- परागकण (Pollen) – पेड़-पौधों और घास से निकलने वाले परागकण एलर्जी का मुख्य कारण हैं।
- फरवरी से अप्रैल: पेड़ सबसे ज्यादा पराग छोड़ते हैं।
- अगस्त से अक्टूबर: घास और खरपतवार पराग उत्सर्जन करते हैं।
- कुछ परागकण साल भर सक्रिय रहते हैं।
- घरेलू तत्व – घर की धूल, मोल्ड (फफूंद), पालतू जानवरों की रूसी और कण भी सांस की एलर्जी का कारण बन सकते हैं।
एलर्जी की पहचान कैसे करें?
एलर्जी के कारणों की पहचान करने के लिए ब्लड टेस्ट कराना सबसे प्रभावी तरीका है। इसके अलावा इन कारणों से भी एलर्जी हो सकती है:
- तनाव
- कुछ खाद्य पदार्थ
- एसिड रिफ्लक्स
- दवाएं
- धूम्रपान
- शराब
- पालतू जानवरों के बाल
एलर्जी का इलाज कैसे किया जाए?
- नाक की एलर्जी:
- नाक के स्प्रे
- एंटीहिस्टामाइन टैबलेट
- हल्के स्टेरॉयड्स
- अस्थमा से संबंधित लक्षण:
- ब्रोंकोडायलेटर्स
- एंटी-इंफ्लेमेटरी नेबुलाइज्ड दवाएं
- गंभीर मामलों में:
- मौखिक कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स का छोटा कोर्स
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