चारधाम यात्रा जल्द ही शुरू होने वाली है। चारधाम यात्रा के लिए ऑनलाइन पंजीकरण शुरू हो गया है। केदारनाथ के लिए सबसे अधिक पंजीकरण हुए हैं। लेकिन केदारनाथ यात्रा शुरू होने से पहले चिंताजनक खबर सामने आई है। यात्रा के लिए प्रयुक्त 12 खच्चरों में H3N8 इन्फ्लूएंजा वायरस पाया गया है।
खच्चरों को संगरोधित किया गया
खच्चरों की नियमित चिकित्सा जांच के दौरान इस वायरस की उपस्थिति की पुष्टि हुई। जिसमें 300 खच्चरों से नमूने लिये गये। वायरस की पुष्टि होने के बाद खच्चरों को पृथक कर दिया गया है। स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन संक्रमण को और फैलने से रोकने के लिए स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहे हैं।
प्रशासन ने जांच की।
गौरतलब है कि हर साल केदारनाथ यात्रा के लिए लगभग 20,000 खच्चर चालक तैनात किए जाते हैं। इसलिए यात्रा शुरू होने से पहले प्रशासन ने सभी खच्चरों और उनके संचालकों का पंजीकरण और मेडिकल जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी थी। इसके तहत जब जांच कराई गई तो 12 खच्चर संक्रमित पाए गए। संक्रमण की पुष्टि होते ही प्रशासन ने सभी संक्रमित खच्चरों को क्वारंटीन कर दिया।
खच्चरों को संगरोधित किया गया
भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, मुक्केश्वर की एक विशेष टीम इस वायरस के प्रसार को रोकने के लिए प्रशासन की सहायता कर रही है। वैज्ञानिक और डॉक्टर संक्रमण के स्रोत और इसके फैलने के तरीकों का अध्ययन कर रहे हैं, ताकि आगे के उपाय किए जा सकें।
H3N8 इन्फ्लूएंजा किसमें पाया जाता है?
एच3एन8 इन्फ्लूएंजा वायरस मुख्य रूप से घोड़ों, कुत्तों और पक्षियों में पाया जाता है, लेकिन दुर्लभ मामलों में यह मनुष्यों में भी फैल सकता है। हालांकि अब इस वायरस की पुष्टि होने के बाद प्रशासन ने यात्रा मार्गों पर सतर्कता बढ़ा दी है।
इस बार सबसे अधिक पंजीकरण
गौरतलब है कि केदारनाथ यात्रा में हजारों श्रद्धालु भाग लेते हैं, इसलिए प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। अधिकारियों का कहना है कि किसी भी संक्रमित खच्चर को यात्रा की अनुमति नहीं दी जाएगी तथा हर कदम पर उनकी जांच की जाएगी।
अब तक कितने पंजीकरण हुए हैं?
- केदारनाथ धाम के लिए 3.29 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने पंजीकरण कराया है।
- बद्रीनाथ धाम के लिए 3.02 लाख श्रद्धालुओं ने पंजीकरण कराया है।
- गंगोत्री के लिए 1.85 लाख श्रद्धालुओं ने पंजीकरण कराया है।
- यमुनोत्री धाम के लिए 1.79 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने पंजीकरण कराया है।