केंद्रीय मंत्रिमंडल: केंद्रीय रेल और सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने केंद्रीय मंत्रिमंडल में लिए गए फैसलों की जानकारी दी। जिसमें उन्होंने बताया कि रेल मंत्रालय की 4 परियोजनाओं को मंजूरी मिल गई है। जिसकी कुल लागत 18,658 करोड़ रुपये है। महाराष्ट्र, ओडिशा और छत्तीसगढ़ के 15 जिलों को कवर करते हुए ये परियोजनाएं भारतीय रेलवे के मौजूदा नेटवर्क को लगभग 1,247 किलोमीटर तक विस्तारित करेंगी।
यह रेल मंत्रालय की 4 परियोजनाओं में शामिल है।
केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने कहा, ‘परियोजनाओं में संबलपुर-जरपाड़ा तीसरी और चौथी लाइन, झारसुगुड़ा-सासन तीसरी और चौथी लाइन, खरसिया-नया रायपुर-परमलकासा पांचवीं और छठी लाइन और गोंदिया-बल्हारशाह दोहरीकरण शामिल हैं।’
‘मल्टी-ट्रैकिंग प्रस्ताव से रेल परिचालन सरल होगा’
मंत्री वैष्णव ने कहा, ‘रेलवे लाइन के विस्तार से आवागमन में सुधार होगा। इससे भारतीय रेलवे की कार्यकुशलता और सेवा विश्वसनीयता में सुधार होगा। इन मल्टी-ट्रैकिंग प्रस्तावों से रेल परिचालन सुचारू हो जाएगा और भीड़भाड़ कम हो जाएगी।
’19 नए रेलवे स्टेशन बनाए जाएंगे’
रेल मंत्री ने कहा कि 19 नये स्टेशन भी बनाये जायेंगे। स्टेशनों के निर्माण से महाराष्ट्र के गढ़चिरौली और छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव के साथ संपर्क बढ़ जाएगा। बढ़ी हुई कनेक्टिविटी से लगभग 3350 गांवों और लगभग 47.25 लाख लोगों को लाभ मिलेगा।
‘88.77 एमटीपीए का अतिरिक्त माल यातायात होगा’
रेल मंत्री के अनुसार इन परियोजनाओं के कारण खरसिया-नया रायपुर-परमलकसा बलौदा बाजार जैसे नये क्षेत्रों को सीधी रेल कनेक्टिविटी मिलेगी। इसका लाभ यह होगा कि इससे इस क्षेत्र में सीमेंट संयंत्रों सहित नई औद्योगिक इकाइयों की स्थापना की संभावनाएं पैदा होंगी। ये मार्ग कृषि उत्पादों, उर्वरकों, कोयला, लौह अयस्क, इस्पात, सीमेंट, चूना पत्थर आदि वस्तुओं के परिवहन के लिए आवश्यक हैं। क्षमता वृद्धि के परिणामस्वरूप प्रति वर्ष 88-77 मिलियन टन (एमटीपीए) अतिरिक्त कार्गो हैंडलिंग हो सकेगी।
‘रेलवे परिवहन का एक कुशल साधन है’
मंत्री वैष्णव ने कहा कि रेलवे पर्यावरण अनुकूल और ऊर्जा कुशल परिवहन का साधन है। इससे जलवायु लक्ष्यों को प्राप्त करने, देश की रसद लागत को कम करने, तेल आयात (950 मिलियन लीटर) को कम करने और CO2 उत्सर्जन (477 मिलियन किलोग्राम) को कम करने में मदद मिलेगी, जो 190 मिलियन पेड़ लगाने के बराबर है।