स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा पिछले कुछ समय से सुर्खियों में हैं। अब कुणाल कामरा ने बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है, जिससे कॉमेडियन एक बार फिर सुर्खियों में आ गए हैं। कुणाल ने मुंबई पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग करते हुए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। ये है ‘देशद्रोही’ टिप्पणी से जुड़ा पूरा मामला। जिसे हम अब सीखने जा रहे हैं।
कामरा ने हाईकोर्ट का दरवाजा क्यों खटखटाया?
दरअसल, कुणाल कामरा पर एक स्टैंड-अप कॉमेडी शो में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खिलाफ ‘देश विरोधी’ टिप्पणी करने का आरोप है। इसके बाद शिवसेना शिंदे गुट के कार्यकर्ताओं ने जमकर उत्पात मचाया। अब इस मामले में कामरा ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और मुंबई पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की है।
पूरा मामला क्या है?
कुणाल कामरा ने अपने एक शो में एकनाथ शिंदे का नाम लिए बिना उनकी आलोचना की थी। उन्होंने फिल्म ‘दिल तो पागल है’ के एक गाने को बदल दिया और संशोधित संस्करण में ‘देशद्रोही’ शब्द का इस्तेमाल किया। उन्होंने उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत करने के लिए शिंदे का भी मजाक उड़ाया। इस टिप्पणी से नाराज शिवसेना विधायक मुरजी पटेल ने कॉमेडियन के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद मुंबई पुलिस ने कल कुणाल के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 353(1)(बी) और 356(2) के तहत एफआईआर दर्ज की।
पुलिस के सम्मन का अभी तक उत्तर नहीं दिया गया है।
मुंबई पुलिस ने अब तक कुणाल को पूछताछ के लिए तीन बार बुलाया है, लेकिन वह अभी तक अपना बयान दर्ज कराने के लिए उपस्थित नहीं हुए हैं। कुणाल तमिलनाडु का स्थायी निवासी है और पिछले महीने उसने इस मामले में मद्रास उच्च न्यायालय से अंतरिम ट्रांजिट अग्रिम जमानत हासिल की थी। अब वह मांग कर रहे हैं कि बॉम्बे हाईकोर्ट इस एफआईआर को पूरी तरह से रद्द कर दे।