वक्फ संशोधन विधेयक: वक्फ संशोधन विधेयक 2 अप्रैल को लोकसभा में पेश किया जाएगा। विधेयक पर 12 घंटे की चर्चा की मांग की गई थी, हालांकि अंतत: 8 घंटे की चर्चा तय की गई। प्रश्नकाल के बाद विधेयक पर चर्चा शुरू होगी। चर्चा के बाद कल ही विधेयक पारित करने पर निर्णय लिया जा सकता है। इसके लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपने सभी लोकसभा सांसदों को 2 अप्रैल 2025 को संसद में उपस्थित रहने के लिए व्हिप जारी किया है।
सूत्रों के मुताबिक, इसे देखते हुए कांग्रेस ने अभी तक यह तय नहीं किया है कि कल लोकसभा में वक्फ बहस पर प्रियंका गांधी या राहुल गांधी बोलेंगे या नहीं।
टीडीपी ने वक्फ संशोधन विधेयक का पूर्ण समर्थन करने का फैसला किया
वक्फ (संशोधन) विधेयक में तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) द्वारा सुझाए गए सभी तीन संशोधनों को स्वीकार कर लिया गया है। इसके साथ ही टीडीपी ने विधेयक का पूर्ण समर्थन करने का निर्णय लिया है। कल पार्टी लोकसभा में विधेयक के समर्थन में मतदान करेगी। इसके साथ ही जेडीयू का प्रस्ताव भी स्वीकार कर लिया गया है। इसलिए अब माना जा रहा है कि नीतीश कुमार की पार्टी भी लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक का समर्थन कर सकती है।
1. टीडीपी द्वारा प्रस्तावित तीन संशोधनों में ‘उपयोगकर्ता द्वारा वक्फ’ से संबंधित प्रावधान में संशोधन का प्रस्ताव है, जिसके अनुसार, ‘वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 के लागू होने से पहले वक्फ द्वारा पंजीकृत कोई भी उपयोगकर्ता संपत्ति वक्फ संपत्ति बनी रहेगी, जब तक कि संपत्ति विवादित न हो या सरकारी संपत्ति न हो।’ इस संशोधन को विधेयक में शामिल किया गया है।
2. टीडीपी ने यह भी प्रस्ताव दिया कि वक्फ मामलों में कलेक्टर को अंतिम प्राधिकारी मानने के बजाय, राज्य सरकार कलेक्टर से उच्च अधिकारी की नियुक्ति की अधिसूचना जारी कर सकती है, जो कानून के अनुसार जांच करेगा। अब यह संशोधन भी विधेयक का हिस्सा बन गया है।
3. तीसरा प्रमुख संशोधन डिजिटल दस्तावेजों की समय सीमा बढ़ाने से संबंधित था। अब, यदि न्यायाधिकरण देरी का उचित कारण संतोषजनक पाता है, तो वक्फ को डिजिटल दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए अतिरिक्त 6 महीने का समय मिलेगा। टीडीपी के संशोधन को स्वीकार करने के बाद पार्टी ने इस विधेयक के समर्थन में मतदान करने का निर्णय लिया है।
आठ घंटे की बहस के बाद मतदान होगा।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की अध्यक्षता में हुई कार्य मंत्रणा समिति (बीएसी) की बैठक में वक्फ संशोधन विधेयक पर चर्चा की गई। पिछले वर्ष विधेयक पेश करते समय सरकार ने इसे दोनों सदनों की संयुक्त समिति को भेजने का प्रस्ताव रखा था। कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में विपक्ष ने विधेयक पर चर्चा के लिए 12 घंटे का समय मांगा था, लेकिन चूंकि मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाने की निंदा करने वाले वैधानिक प्रस्ताव पर चर्चा होनी है, इसलिए वक्फ विधेयक पर 8 घंटे से अधिक समय नहीं दिया जा सकता।