
पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के ऐतिहासिक रेड रोड पर हनुमान जयंती के अवसर पर हनुमान चालीसा पाठ के आयोजन को लेकर दायर याचिका पर कलकत्ता हाई कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने आयोजकों को रेड रोड पर कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति देने से इनकार करते हुए, कोई वैकल्पिक स्थान चुनने का निर्देश दिया है।
क्या है मामला?
याचिकाकर्ता ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर 12 अप्रैल 2025 को सुबह 5 बजे से पूर्वाह्न 11 बजे के बीच रेड रोड पर हनुमान चालीसा पाठ की अनुमति मांगी थी।
- आयोजन में करीब 3,000 लोगों के शामिल होने की संभावना जताई गई थी।
- पुलिस ने यातायात, सार्वजनिक असुविधा और कानून-व्यवस्था की दिक्कतों का हवाला देते हुए आयोजन के लिए वैकल्पिक स्थल का सुझाव दिया था।
याचिकाकर्ता का तर्क
- याचिकाकर्ता ने दावा किया कि 31 मार्च को ईद के मौके पर उसी स्थल पर नमाज पढ़ने की अनुमति दी गई थी।
- उन्होंने यह भी बताया कि हर साल दुर्गा पूजा कार्निवल जैसे बड़े सरकारी कार्यक्रम भी रेड रोड पर आयोजित होते हैं।
- इसके अतिरिक्त, याचिकाकर्ता ने कहा कि यह भूमि भारतीय सेना के अधिकार में है और उन्होंने आयोजन के लिए सेना से पूर्व अनुमति प्राप्त कर ली थी।
कोर्ट की सुनवाई
मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवज्ञानम और न्यायमूर्ति चैताली चटर्जी (दास) की खंडपीठ ने कहा कि”आयोजन के लिए रेड रोड के बजाय कोई अन्य स्थान चुना जाए।”
- खंडपीठ ने न्यायमूर्ति तीर्थांकर घोष की एकल पीठ के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें रेड रोड पर कार्यक्रम की अनुमति देने से इनकार किया गया था।
- कोर्ट ने कहा कि पहली बार किसी आयोजन को इस स्थल पर कराने का प्रयास किया जा रहा है, इसलिए यह जरूरी है कि कानून-व्यवस्था, यातायात और प्रशासनिक पहलुओं पर विचार हो।
राज्य सरकार और महाधिवक्ता की दलील
पश्चिम बंगाल के महाधिवक्ता किशोर दत्ता ने याचिकाकर्ता की मांग का विरोध किया।
- उन्होंने तर्क दिया कि याचिकाकर्ता को यह साबित करना होगा कि उन्हें इस तरह के सार्वजनिक कार्यक्रम को उसी स्थान पर आयोजित करने का संवैधानिक या वैधानिक अधिकार है।
- उन्होंने यह भी कहा कि भीड़, यातायात और सुरक्षा जैसे पहलुओं को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
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