औरंगजेब विवाद: ‘छत्रपति शिवाजी ने अफजल खान का मकबरा बनवाया था’, आरएसएस नेता भैयाजी जोशी ने कहा

मुगल शासक औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग के बीच आरएसएस के वरिष्ठ नेता सुरेश ‘भैयाजी’ जोशी ने हैरान करने वाला बयान दिया है। उन्होंने कहा, ‘यह मुद्दा अनावश्यक रूप से उठाया जा रहा है। जो ईमान रखता है, वह कब्र पर जायेगा।’

नागपुर में एक कार्यक्रम के दौरान मीडिया से बात करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के नेता भैयाजी जोशी ने कहा, ‘औरंगजेब की कब्र का मुद्दा अनावश्यक रूप से उठाया गया है। अगर वह यहीं मर गया. तो उनकी कब्र भी यहीं होगी. जिसके पास विश्वास है वह जायेगा।’ उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे ने औरंगजेब की मजार पर सांप्रदायिक तनाव भड़काने के प्रयासों की निंदा करते हुए कहा है कि ‘इतिहास को जाति और धर्म के चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए।’

जिन लोगों में आस्था है वे वहां जाएंगे।

जोशी ने आगे कहा, ‘बीजापुर शासन के एक कमांडर अफजल खान को प्रतापगढ़ किले के पास दफनाया गया था और यह छत्रपति शिवाजी महाराज की अनुमति के बिना नहीं किया जा सकता था। छत्रपति शिवाजी महाराज हमारे आदर्श हैं। उन्होंने अफ़ज़ल खान का मकबरा बनवाया। यह भारत की उदारता और समावेशिता का प्रतीक है। कब्र तो रहेगी ही, जो जाना चाहेगा, जाएगा।’ राज ठाकरे की टिप्पणी और मुगल शासक की कब्र के मुद्दे पर जोशी ने कहा, “औरंगजेब की कब्र का विषय अनावश्यक रूप से उठाया गया है।” उनकी मृत्यु यहीं (भारत में) हुई थी, इसलिए उनकी समाधि यहीं बनाई गई है। जिन लोगों में आस्था है वे वहां जाएंगे।

 

हमें पेड़ों और पानी की चिंता नहीं है, बल्कि हमें कब्रों की चिंता है: ठाकरे

मुंबई के शिवाजी पार्क में वार्षिक गुड़ी पड़वा रैली को संबोधित करते हुए राज ठाकरे ने भ्रामक ऐतिहासिक आख्यानों और व्हाट्सएप संदेशों के खिलाफ चेतावनी दी और इस बात पर जोर दिया कि इतिहास का अध्ययन सोशल मीडिया के बजाय विश्वसनीय स्रोतों से किया जाना चाहिए। राज ठाकरे ने छत्रपति संभाजीनगर जिले में औरंगजेब की कब्र को लेकर विवाद पैदा करने के राजनीतिक प्रयासों की आलोचना की। जिसके कारण नागपुर में हिंसा भड़क उठी। उन्होंने कहा, “हमें जल स्रोतों और पेड़ों की चिंता नहीं है।” लेकिन औरंगजेब के मकबरे को लेकर चिंता बनी हुई है। इतिहास के नाम पर लोगों को लड़ाने की कोशिश की जा रही है। ये मुद्दे सांप्रदायिक संघर्ष बढ़ाने के लिए उठाए जा रहे हैं। 

ठाकरे ने इतिहास पर प्रकाश डाला

ठाकरे ने इस बात पर जोर दिया कि मुगल शासक औरंगजेब ने महाराष्ट्र में मराठों के खिलाफ 27 वर्षों तक लड़ाई लड़ी। उन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराज की विरासत को कुचलने की कोशिश की लेकिन अंततः असफल रहे। औरंगजेब भी शिवाजी के विचार को नष्ट करना चाहता था। शिवाजी महाराज की मृत्यु के बाद भी औरंगजेब महाराष्ट्र में उनकी विचारधारा को खत्म करने में असफल रहा। शिवाजी के पुत्र संभाजी महाराज ने भी औरंगजेब के पुत्र को आगरा से भागते समय शरण दी थी।