
टेक उद्योग के दिग्गज और डोनाल्ड ट्रम्प के सलाहकार एलन मस्क ने हाल ही में उम्मीद जताई कि अमेरिका और यूरोप के बीच व्यापार पर किसी प्रकार का आयात शुल्क न हो। उनका यह बयान ट्रम्प की नई टैरिफ नीति के ठीक उलट है, जिसमें अमेरिका ने यूरोपीय संघ पर भारी आयात शुल्क लगाने की घोषणा की है।
मस्क ने यह टिप्पणी इटली के उप प्रधानमंत्री माटेओ साल्विनी द्वारा आयोजित ‘द लीग कांग्रेस’ को वर्चुअली संबोधित करते हुए दी। उन्होंने कहा कि उनका मानना है कि अमेरिका और यूरोप को “जीरो टैरिफ” की ओर बढ़ना चाहिए ताकि दोनों के बीच एक प्रभावी मुक्त व्यापार क्षेत्र स्थापित हो सके।
ट्रम्प को क्या सलाह दी मस्क ने
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, मस्क ने केवल टैरिफ पर ही नहीं, बल्कि कामगारों की आवाजाही पर भी खुलकर राय रखी। उन्होंने कहा कि ट्रांस-अटलांटिक लेबर मोबिलिटी यानी यूरोप और अमेरिका के बीच काम करने की स्वतंत्रता को भी बढ़ावा मिलना चाहिए। मस्क ने कहा, “अगर कोई यूरोप में काम करना चाहता है या अमेरिका में, तो उसे ऐसा करने की अनुमति मिलनी चाहिए। यही मेरी राष्ट्रपति ट्रम्प को दी गई सलाह भी रही है।”
ट्रेड वॉर की शुरुआत: यूरोप पर 20 फीसदी आयात शुल्क
मस्क का यह बयान ऐसे समय आया है जब अमेरिका ने यूरोपीय संघ से आने वाले कुछ प्रमुख उत्पादों पर 20 प्रतिशत का आयात शुल्क लगा दिया है। यह फैसला वैश्विक वित्तीय बाजारों पर भारी असर डाल रहा है। कोरोना महामारी की शुरुआत के बाद पहली बार बाजार में इतनी बड़ी गिरावट देखने को मिली है।
यूरोप की प्रतिक्रिया: पलटवार के लिए तैयार
अमेरिका की इस आक्रामक नीति के जवाब में यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने स्पष्ट किया है कि यूरोप अपने हितों की रक्षा के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि यूरोप बातचीत के लिए हमेशा तैयार रहता है, लेकिन अगर टकराव की स्थिति आती है तो उसका जवाब भी देगा।
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