एकमात्र अभिनेता जिसने सरकार के खिलाफ केस किया और जीता, उसे मनाने के लिए मंत्रालय को करनी पड़ी कड़ी मशक्कत

बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता मनोज कुमार का आज निधन हो गया। वह 87 वर्ष के थे। मनोज कुमार बॉलीवुड फिल्मों में देशभक्ति की भावना जगाने के लिए जाने जाते थे। फिर ऐसा हुआ कि वह अपनी फिल्मों की वजह से भारत कुमार के नाम से जाने जाने लगे। दूसरी ओर, वे भारत सरकार का विरोध करने में भी पीछे नहीं थे। उनके जीवन की यह घटना जानने लायक है। जिससे पता चलता है कि वह न केवल एक महान अभिनेता थे बल्कि एक बहादुर और साहसी व्यक्ति भी थे। 

मनोज कुमार के बारे में कहा जाता है कि वह एकमात्र ऐसे कलाकार हैं जिन्होंने सरकार के खिलाफ केस किया और जीते, लेकिन यह सच है  यह मामला आपातकाल के समय का है। 1975 में जब इंदिरा गांधी सरकार ने देश में आपातकाल लगाया तो मनोज कुमार ने इसका विरोध किया। सरकार इससे नाराज थी। स्थिति यह थी कि उस समय सरकार आपातकाल का विरोध करने वाले कलाकारों की फिल्मों की रिलीज पर प्रतिबंध लगा रही थी। 

मनोज कुमार की फिल्म पर प्रतिबंध
इसी संदर्भ में सरकार ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के माध्यम से मनोज कुमार की फिल्म दस नंबरी पर प्रतिबंध लगा दिया। फिर उन्होंने अपनी दूसरी फिल्म शोर के साथ भी ऐसा ही किया। इतना ही नहीं, शोर को रिलीज से पहले दूरदर्शन पर भी दिखाया गया, जिससे सिनेमाघरों तक इसकी पहुंच नहीं हो पाई और फिल्म को भारी नुकसान हुआ। 

नाराज अभिनेता ने इंदिरा गांधी सरकार के खिलाफ मुकदमा दायर किया और आश्चर्यजनक बात यह है कि वह मुकदमा जीत भी गए। इससे सरकार को भी बड़ा संदेश गया। 

मनोज कुमार के
केस हारने के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने उन्हें आपातकाल पर फिल्म बनाने की पेशकश की। मंत्रालय ने मनोज कुमार को मनाने की काफी कोशिश की, लेकिन मनोज कुमार नहीं माने और उन्होंने प्रस्ताव ठुकरा दिया। इतना ही नहीं, उन्होंने इस फिल्म की पटकथा लिखने के लिए प्रसिद्ध लेखिका अमृता प्रीतम की भी आलोचना की।