
उत्तर प्रदेश, जो कभी खराब सड़कों और बुनियादी ढांचे की कमी के लिए जाना जाता था, आज भारत के सबसे तेज़ी से सड़क विकास करने वाले राज्यों में शामिल हो चुका है। यह बदलाव मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में संभव हुआ है। बीते 8 वर्षों में यूपी में प्रतिदिन औसतन 20 किलोमीटर सड़क निर्माण या चौड़ीकरण का रिकॉर्ड बना है, जो एक ऐतिहासिक उपलब्धि है।
प्रदेश में न केवल नई सड़कें बनाई जा रही हैं, बल्कि पहले से मौजूद सड़कों को भी चौड़ा और मजबूत किया जा रहा है ताकि हर वर्ग और क्षेत्र को बेहतर कनेक्टिविटी मिल सके। खासतौर पर गांवों से शहरों को जोड़ने वाली सड़कों पर विशेष ध्यान दिया गया है।
8 वर्षों में 32,000 किमी से अधिक नई सड़कें बनीं
उत्तर प्रदेश में अप्रैल 2017 से अब तक 32,074 किलोमीटर ग्रामीण मार्गों का निर्माण हो चुका है। वहीं 25,000 किलोमीटर सड़कों का चौड़ीकरण और सुदृढ़ीकरण भी किया गया है। इसका अर्थ यह है कि प्रदेश के हर हिस्से में यातायात की पहुंच आसान हो गई है, जिससे व्यापार, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजमर्रा की जिंदगी में आमजन को भारी राहत मिली है।
- प्रति वर्ष औसतन:
- 4,076 किमी नई सड़कें
- 3,184 किमी चौड़ी और मजबूत सड़कें
यह आंकड़े इस बात का प्रमाण हैं कि योगी सरकार ने ग्रामीण विकास को प्राथमिकता दी है, जिससे गांव अब केवल भूगोल में ही नहीं, व्यवहारिक रूप से भी शहरों के करीब आ गए हैं।
उत्तर प्रदेश बना ‘एक्सप्रेसवे राज्य’: नई पहचान, नया भविष्य
योगी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक है – एक्सप्रेसवे का जाल। प्रदेश में अब तक कई बड़े और रणनीतिक एक्सप्रेसवे या तो पूरे हो चुके हैं या तेजी से निर्माणाधीन हैं:
- पूर्वांचल एक्सप्रेसवे
- गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे
- बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे
- गंगा एक्सप्रेसवे
- लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे
- मेरठ-हरिद्वार एक्सप्रेसवे
इन परियोजनाओं से न केवल शहरों के बीच का सफर आसान और कम समय का हो गया है, बल्कि इससे उत्तर प्रदेश की सीमाएं अब दिल्ली, बिहार, झारखंड, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों से भी बेहतर तरीके से जुड़ चुकी हैं।
46 नए राष्ट्रीय, 70 राज्य और 57 जिला मार्गों की घोषणा
योगी सरकार के दौरान यूपी में सड़क नेटवर्क का विस्तार अभूतपूर्व रहा है। सरकार ने:
- 46 नए राष्ट्रीय राजमार्ग (4,115 किमी)
- 70 नए राज्य मार्ग (5,604 किमी)
- 57 प्रमुख जिला मार्ग (2,831 किमी)
घोषित किए हैं, जिससे यूपी अब भारत के सर्वाधिक सड़क नेटवर्क वाले राज्यों में शामिल हो चुका है।
ग्रामीण सड़कों ने बदली गाँवों की तस्वीर
ग्रामीण सड़कों की मजबूती से:
- किसानों को मंडी तक आसान पहुंच मिली
- बच्चों के लिए स्कूल जाना सुविधाजनक हुआ
- मरीजों को जल्दी अस्पताल पहुंचने की सुविधा मिली
- व्यापारियों को बाजार तक माल पहुंचाना आसान हो गया
इसका असर प्रदेश की आर्थिक प्रगति और सामाजिक बदलाव में साफ देखा जा सकता है। गांव अब केवल ‘गांव’ नहीं रह गए, बल्कि विकास की दौड़ में तेजी से भाग लेने वाले सहभागी बन चुके हैं।
सड़क निर्माण में अब देश का अग्रणी राज्य
आज उत्तर प्रदेश उन राज्यों में शामिल हो गया है जो देश में सबसे तेजी से सड़कें बना रहे हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, प्रतिदिन 20 किलोमीटर सड़क निर्माण या चौड़ीकरण का औसत बनाया गया है।
राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी यूपी की सड़कों की गुणवत्ता की सराहना की जा रही है। यह विकास न केवल वर्तमान को बेहतर बना रहा है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी एक सशक्त बुनियादी ढांचा तैयार कर रहा है।