उत्तर प्रदेश में बसने जा रहा है नया शहर, 80 गांवों के 16 हजार किसानों की बदलेगी किस्मत

उत्तर प्रदेश में बसने जा रहा है नया शहर, 80 गांवों के 16 हजार किसानों की बदलेगी किस्मत
उत्तर प्रदेश में बसने जा रहा है नया शहर, 80 गांवों के 16 हजार किसानों की बदलेगी किस्मत

उत्तर प्रदेश के विकास की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया जा रहा है। नोएडा के पास नया शहर बसाने की योजना पर तेजी से काम हो रहा है, जिससे 80 गांवों के करीब 16,000 किसान परिवारों की आर्थिक और सामाजिक स्थिति में बड़ा बदलाव आने की उम्मीद है। इस परियोजना को “न्यू नोएडा” नाम दिया गया है और यह दादरी-नोएडा-गाजियाबाद इन्वेस्टमेंट रीजन (DNGIR) के तहत विकसित किया जाएगा।

न्यू नोएडा का प्रारूप और जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया

नोएडा प्राधिकरण ने इस योजना को नवंबर 2024 में सरकार से स्वीकृति मिलने के बाद सक्रिय रूप से आगे बढ़ाया है।

  • अब तक 3165 हेक्टेयर जमीन पहले चरण में अधिग्रहण के लिए चिन्हित की गई है।
  • कुल मिलाकर, लगभग 80 गांवों की जमीन इस परियोजना में अधिग्रहीत की जाएगी।
  • पहले चरण में 15 गांवों को इस योजना में शामिल किया गया है, जहां प्रत्येक गांव से लगभग 200 किसान परिवार जुड़ेंगे।

ड्रोन सर्वे से होगी निगरानी

न्यू नोएडा प्राधिकरण द्वारा तय किया गया है कि अवैध निर्माणों की पहचान और निगरानी ड्रोन तकनीक से की जाएगी।

  • पूरे क्षेत्र में 209.11 वर्ग किलोमीटर (20911.29 हेक्टेयर) भूमि का विकास किया जाएगा।
  • ड्रोन सर्वे के जरिए खाली जमीन, निर्माणाधीन संरचनाएं, सड़कें, पार्क, स्कूल, कॉलेज, औद्योगिक क्षेत्र और आवासीय उपयोग की जानकारी एकत्र की जाएगी।
  • सर्वे के आधार पर अतिक्रमण करने वालों को नोटिस जारी किए जाएंगे, और फिर बुलडोजर कार्रवाई की जाएगी।

सर्वे प्रक्रिया और समय-सीमा

  • 20 अप्रैल 2025 के बाद होने वाली बैठक में चयनित कंपनियां प्रजेंटेशन प्रस्तुत करेंगी।
  • सर्वे कार्य मई 2025 के पहले या दूसरे सप्ताह में शुरू होगा और 10-15 दिनों में पूरा कर लिया जाएगा।
  • सर्वे रिपोर्ट तैयार होने के बाद नोएडा अथॉरिटी के सीईओ को सौंपी जाएगी, जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई होगी।

किन गांवों में होगा सर्वे?

ड्रोन सर्वे के दायरे में आएंगे:

  • बुलंदशहर जिले के 60 गांव
  • गौतमबुद्ध नगर के 20 गांव
    इन गांवों में जमीन की माप, खसरा नंबर, निर्माण की स्थिति और उपयोग का विवरण शामिल किया जाएगा। अक्टूबर 2024 के बाद बिना अनुमति के किया गया कोई भी निर्माण अवैध माना जाएगा।

मुआजे को लेकर स्थिति

जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया स्थानीय निकायों और किसानों की सहमति से की जाएगी।

  • मुआवजे की दर को लेकर अभी अंतिम निर्णय नहीं हुआ है।
  • इसके लिए एक अतिरिक्त बैठक की योजना बनाई गई है, जिसमें मुआवजे की राशि तय की जाएगी।

नए शहर से किसानों को क्या होगा लाभ?

इस योजना के तहत: