उत्तर प्रदेश में बसने जा रहा है नया शहर ‘न्यू नोएडा’, मई में होगा 80 गांवों का ड्रोन सर्वे

उत्तर प्रदेश में बसने जा रहा है नया शहर 'न्यू नोएडा', मई में होगा 80 गांवों का ड्रोन सर्वे
उत्तर प्रदेश में बसने जा रहा है नया शहर ‘न्यू नोएडा’, मई में होगा 80 गांवों का ड्रोन सर्वे

उत्तर प्रदेश सरकार राज्य के विकास को नई दिशा देने के लिए नए शहर ‘न्यू नोएडा’ को बसाने की योजना पर काम कर रही है। यह कदम न केवल शहरीकरण को बढ़ावा देगा, बल्कि रोजगार, बुनियादी ढांचा और आवासीय सुविधाओं के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय विकास लाएगा। इस परियोजना के तहत मई में 80 गांवों का ड्रोन सर्वेक्षण किया जाएगा, जिससे अवैध निर्माण की सटीक पहचान हो सकेगी।

कहां बसाया जाएगा न्यू नोएडा?

  • यह नया शहर दादरी-नोएडा-गाजियाबाद विशेष निवेश क्षेत्र (DNGIR) के अंतर्गत आएगा।
  • प्रस्तावित क्षेत्रफल: 209.11 वर्ग किमी (2091.29 हेक्टेयर)
  • यह क्षेत्र गौतमबुद्ध नगर और बुलंदशहर जिलों के अंतर्गत आता है।
  • कुल 800 गांवों को इस क्षेत्र में शामिल किया गया है।

जमीन अधिग्रहण और सर्वे की तैयारी

नोएडा प्रशासन द्वारा भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

  • मई में ड्रोन सर्वे के माध्यम से 80 गांवों की स्थिति का आंकलन किया जाएगा।
  • सर्वे के निष्कर्षों को अक्टूबर 2024 की सैटेलाइट इमेज से मिलान किया जाएगा।
  • इसके बाद अवैध निर्माण की पहचान कर संबंधित लोगों को नोटिस जारी किए जाएंगे और जरूरत पड़ने पर निर्माण ध्वस्त किए जाएंगे।

सर्वे रिपोर्ट और कार्ययोजना

  • सर्वे के निष्कर्ष पॉवरपॉइंट प्रेजेंटेशन (PPT) के रूप में प्राधिकरण के सीईओ डॉ. लोकेश एम के समक्ष प्रस्तुत किए जाएंगे।
  • 20 अप्रैल के बाद एक बैठक आयोजित होगी जिसमें सर्वे से जुड़ी तकनीकी बिंदुओं और सुझावों पर चर्चा की जाएगी।
  • सर्वे को 10 से 15 दिन में पूरा कर रिपोर्ट सौंपने की योजना है।

किसानों के साथ आपसी सहमति और मुआवजा

  • पहले चरण में 15 गांवों की भूमि किसानों से आपसी सहमति के आधार पर ली जाएगी।
  • करीब 16 हजार किसान परिवारों से बातचीत होगी।
  • पहले चरण में 3165 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहण की जाएगी।
  • मुआवजे की दरों पर प्रारंभिक चर्चा हो चुकी है, अंतिम निर्णय आगामी बैठक में होगा।

ड्रोन सर्वे में शामिल प्रमुख बिंदु

  1. 60 गांव बुलंदशहर से, 20 गांव गौतमबुद्ध नगर से चयनित।
  2. खसरा नंबर से जमीन की सटीक पहचान, जिससे विवाद की संभावना घटे।
  3. निर्मित बनाम खाली भूमि की स्पष्ट पहचान, ताकि अधिग्रहण योजनाबद्ध हो।
  4. सार्वजनिक ढांचे की मैपिंग – सड़कें, स्कूल, कॉलेज, पार्क और औद्योगिक क्षेत्रों की पहले से पहचान।

भूमि अधिग्रहण की चार चरणों में योजना

चरण अवधि अधिग्रहित भूमि (हेक्टेयर)
चरण 1 2023–2027 3,165 हेक्टेयर
चरण 2 2027–2032 3,798 हेक्टेयर
चरण 3 2032–2037 5,908 हेक्टेयर
चरण 4 2037–2041 8,230 हेक्टेयर

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